Success Story : 4 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, 5वें प्रयास में बिना कोचिंग क्रैक की UPSC, अब बनेंगे IAS

 
 Success Story : 4 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, 5वें प्रयास में बिना कोचिंग क्रैक की UPSC, अब बनेंगे IAS

Success Story : यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने 4 बार इस परीक्षा में फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी। 

आईआईटी खड़गपुर के टॉपर पास आउट और सिल्वर मेडलिस्ट आशीष कुमार 5वें प्रयास में 8वीं रैंक हासिल कर पाए. पहले चार प्रयास में एक बार भी मेंस का एग्जाम क्लीयर नहीं कर पाए थे. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह कि चौथे प्रयास में तो वे प्री-एग्जाम में ही फेल हो गए थे.

राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन (आरपीएससी) के आरएएस एग्जाम के प्री- पेपर में भी आशीष दो बार फेल हो चुके थे. इतनी असलताओं के बावजूद उन्होंने धैर्य नहीं खोया और अब आईएएस बनने जा रहे हैं.

यूपीएससी 2023 परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो गया है. इसमें जयपुर के रहने वाले आशीष कुमार सिंघल ने ऑल इंडिया 8वीं रैंक हासिल की. आईआईटी खड़गपुर के टॉपर पास आउट और सिल्वर मेडलिस्ट आशीष कुमार के लिए यूपीएससी के इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था. 5वें प्रयास में 8वीं रैंक हासिल करने से पहले चार प्रयास में आशीष एक बार भी मेंस का एग्जाम क्लीयर नहीं कर पाए थे.

इतना ही नहीं चौथे प्रयास में तो वे प्री-एग्जाम में ही फेल हो गए थे. राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन (आरपीएससी) के आरएएस एग्जाम के प्री- पेपर में भी आशीष दो बार फेल हो चुके थे. मूलत: भरतपुर के नदबई तहसील के रहने वाले आशीष जयपुर के वैशाली नगर में रहते हैं.

उन्होंने 12वीं जयपुर के स्टेप बाइ स्टेप से पास की और उसके बाद आईआईटी एंट्रेस देकर आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लिया. साल 2012 से 2017 तक आशीष ने बी-टैक और एम.टैक करने के बाद गुरुग्राम नौकरी करने आ गए. एक साल से भी कम समय में नौकरी छोड़ दी और 2018 से जयपुर में घर से ही लगातार सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे थे.

आशीष अपने बैच के टॉपर रह चुके हैं. उनके पिता रमेश चंद अग्रवाल सरकारी टीचर के पद से साल 2022 में रिटायर्ड हुए और मां सुधा अग्रवाल हाउस वाइफ हैं. आशीष ने अपने इस सफर को साझा करते हुए बताया कि साल 2018 में आईआईटी खड़गपुर से इंडस्ट्रीयल मैनेजमेंट में एमटैक पास करने के बाद उन्होंने गुरुग्राम की एक आईटी कंपनी में जॉब शुरू की.

एक साल जॉब करने के बाद जब उन्हें लगा कि वे कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी में बंधकर रह गए और सोशल तौर पर कुछ नहीं कर पा रहे. उन्होंने साल 2018 में नौकरी छोड़ी और आईएएस की तैयारी शुरू की. कुछ महीने दिल्ली में रहकर तैयारी की लेकिन फिर जयपुर आ गए और अपने घर से सेल्फ स्टडी करते रहे.

साल 2019 में आईएएस का पहला एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में प्री-परीक्षा पास करने के बाद मेंस में फेल हो गए. फिर आशीष ने साल 2020 में निकली यूपीएससी की परीक्षा दी। इस परीक्षा में वे अब प्री-एग्जाम भी क्लीयर नहीं कर पाए और फेल हो गए. हार नहीं मानी और साल 2021 में दोबारा यूपीएससी का एग्जाम दिया।

अब तीसरे चांस में वे वापस प्री-एग्जाम तो क्लीयर कर गए, लेकिन मेंस में वापस फेल हो गए. परिवार के कुछ लोगों को दोस्तों ने कहा कि ये एग्जाम तुम्हारे लिए नहीं है, दोबारा अपने पुराने प्रोफेशन में आ जाओ लेकिन माता-पिता ने साथ दिया और कहां जो अच्छा लगे वहीं करना. इसके बाद आशीष ने साल 2022 में दोबारा यूपीएससी का प्री-एग्जाम दिया, लेकिन इस बार उनको बहुत बुरी निराशा हाथ लगी और वे प्री-एग्जाम में फेल हो गए.

आशीष ने बताया कि चार बार असफल होने के बाद वे काफी निराश हो गए थे, लेकिन उन्होंने आखिरी बार फिर से एग्जाम देने का फैसला किया. इस बार भाग्य ने भी उनका साथ दिया. साल 2023 में यूपीएससी का प्री-एग्जाम क्लीयर करने के बाद उन्होंने मेंस की तैयारी घर से की और पहली बार मेंस का एग्जाम भी किया.

आशीष कुमार उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं जो तैयारी करने के लिए दिल्ली जाते है और कोचिंग करते हैं. आशीष ने बिना कोचिंग गए घर से सेल्ट स्टडी करके यह कामयाबी हासिल की है.