
कार, मोटरसाइकिल या फिर ट्रक पर सबसे जरुरी होती है नंबर प्लेट। छोटी सी नंबर प्लेट में कई जानकारियां छूपी होती है। नंबर प्लेट व्हीकल का रजिस्ट्रेशन नंबर होती है जो किसी राज्य, शहर या देश में किसी व्यक्ति की आधिकारिक मौजूदगी के बारे में अथॉरिटीज को जानकारी देती है।
अब तक गाड़ियों की नंबर प्लेट पर राज्यों के कोड के हिसाब से रजिस्ट्रेशन देखने को मिलता था। जैसे दिल्ली के लिए डीएल, हरियाणा के लिए एचआर और राजस्थान के लिए आरजे। लेकिन अब सरकार ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक नई BH सीरीज शुरू की है। बीएच का मतलब है भारत।
बीएच सीरीज की गाड़ियों के नंबर BH से ही शुरू होंगे क्योंकि इसका किसी राज्य से लेनादेना नहीं है। यह रजिस्ट्रेशन पूरे देश के लिए एक होगा। आप ट्रांसफर होने पर या राज्य बदलने पर आपको गाड़ी के स्टेट में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाना का झंझट भी खत्म हो जाएगा।
भारत सीरीज का पहला नंबर कानपुर रोड के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय ने एक कार को आवंटित किया है। पहला भारत सीरीज का नंबर यतेंद्र कुमार के नाम पर दर्ज हुआ है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि यतेंद्र कुमार केंद्र सरकार के उपक्रम इफ्को में कार्यरत हैं।
लखनऊ के अर्जुनगंज निवासी यतेंद्र कुमार ने मारुति की शिफ्ट डिजायर कार खरीद कर पंजीयन के दौरान भारत सीरीज नंबर के लिए आवेदन किया था। सत्यापन करने के बाद यतेंद्र को 21बीएच 9478ए नंबर का आवंटन हुआ है। इसमें वर्ष का संकेत 21, भारत सीरीज का नंबर 9478 एवं ए सारीज है।
बता दें कि भारत सीरीज के जैसे-जैसे वाहन मालिक बढ़ते जाएंगे तो सीरीज ए की जगह पर बी हो जाएगी। इस सीरीज का नंबर लेने के लिए कुछ खास नियम नहीं है। लेकिन इसकी कुछ खासियतें हैं जो इसे बाकी नंबर प्लेट से अलग बनाती हैं।
कैसे मिलेगा नंबर
बीएच सीरीज की नंबर प्लेट रैंडमली दी जाएगी। आम नंबर प्लेट की तरह ये एक क्रम में नहीं होंगी। बीएच सीरीज का पूरा काम डिजिटल होगा और इसमें मैनुअल कागजी कार्यवाही को लगभग शून्य किया गया है।
बीएच सीरीज में इलेक्ट्रिक वाहनों या ईवी के लिए खास छूट दी गई है। ईवी के लिए बीएच सीरीज का नंबर लेते हैं तो शुल्क में 2 परसेंट की छूट मिलेगी। अगर डीजल गाड़ी के लिए बीएच सीरीज का नंबर लेते हैं तो 2 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।
कैसे करें अप्लाई
- केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बीएच सीरीज के रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस अभी नहीं बताया है। लेकिन बीएच सीरीज का नंबर लेने के लिए वही नियम लागू होगा जो आम वाहनों के नंबर के लिए होता है। बस बड़ा फर्क ये होगा कि बीएच सीरीज का पूरा प्रोसेस डिजिटल होगा।
- बीएच सीरीज पाने के लिए आप घर बैठे इस नए रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी प्राइवेट सेक्टर में काम करता है, तो उसे गाड़ी के रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट के साथ फॉर्म 60 आवश्यक तौर पर जमा करना होगा। फॉर्म 60 के आधार पर ही BH series की नंबर प्लेट दी जाएगी।
- वाहन मालिक अगर सरकारी कर्मचारी है तो उसे अपने आधिकारिक पहचान पत्र की कॉपी को रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट के साथ अटैच करना होगा।
- वाहन मालिक को दो साल का एकमुश्त रोड टैक्स चुकाना होगा। टैक्स की राशि गाड़ी की इनवॉइस प्राइस पर निर्भर करेगी।
- डीजल और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स का निमय अलग है। डीजल गाड़ियों के लिए 2 परसेंट अधिक रोड टैक्स देना होगा और रेगुलर अमाउंट पर जोड़ा जाएगा।
- ईवी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने पर रोड टैक्स में 2 फीसद की छूट दी जा रही है।
- बीएच सीरीज का पूरा काम ऑनलाइन पोर्टल के जरिये होगा। परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए खास पोर्टल तैयार किया है।
- नंबर प्लेट का रंग सफेद होगा और उस पर काले अक्षरों में नंबर लिखे जाएंगे।