Annie George Success Story: पहले अटेंप्ट में क्रैक किया UPSC एग्जाम, कड़ी चुनौतियों का सामना कर पाई सफलता, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

 
Annie George Success Story: पहले अटेंप्ट में क्रैक किया UPSC एग्जाम, कड़ी चुनौतियों का सामना कर पाई सफलता, पढ़ें सक्सेस स्टोरी
Annie George Success Story: यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कड़ी चुनौतियों का सामना कर इस परीक्षा में सफलता हासिल की।

कहते हैं कि अगर किसी भी चीज को पाने के लिए पूरे मन से मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है. ऐसा ही हुआ है एनी जॉर्ज (Annie George) के साथ, जिन्होंने यूपीएससी सीएसई 2023 में कामयाबी हासिल की है. उन्होंने न केवल यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई, बल्कि पहले ही प्रयास में 93 रैंक हासिल की हैं. 

कन्नूर की रहने वाली हैं एनी 
लाखों उम्मीदवारों के बीच इस सफलता को हासिल करना वाकई बड़ी बात है. यह कामयाबी एनी जॉर्ज की अथक मेहनत और उनके इस कठिन संघर्ष के सफर की कहानी कहती है. एनी जॉर्ज केरल के कन्नूर के अलकोडे की रहने वाली हैं. कुछ उम्मीदवार तो लंबा समय इस परीक्षा की तैयारी में लगाते हैं, लेकिन फिर भी एग्जाम क्रैक नहीं कर पाते हैं. ऐसे में पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करने वालीं एनी जॉर्ज की कहानी युवाओं को सही दिशा में प्रयास करने और सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है.

यूपीएससी में पाई 93 रैंक
यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2023 में अपने पहले अटैम्प्ट में 93वीं रैंक हासिल करने पर एनी और उनका परिवार बेहद खुश है. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि मैं अपने रिजल्ट को लेकर आशावादी थी, लेकिन यह उम्मीद नहीं की थी कि पहले ही प्रयास में इतनी अच्छी रैंक आएगी. अब एनी आईएएस ऑफिसर बनेंगी.

यहां से की पीजी की पढ़ाई 
एनी जॉर्ज ने केरल यूनिवर्सिटी के करियावट्टोम कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने जूलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया और अपने इस सपने को पूरा भी किया. जानकारी के मुताबिक एनी के पिता रिटायर्ट पंचायत असिस्टेंट डायरेक्टर हैं. वहीं, उनकी मां स्कूल में टीचर की नौकरी करती हैं. एनी के इस सफर में उनके पेरेंट्स का उन्हें बहुत सपोर्ट मिला.