राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले के साथ ही गुजरात के कुछ पहाड़ी इलाकों में रहने वाले गरासिया जनजाति में लिवइन में रहना बेहद आम बात है।
गरसिया जनजाति में महिलाएं शादी के पहले अपने पसंदीदा पुरुष के साथ रहने के लिए आजाद होती हैं। इस दौरान बच्चे के जन्म देने के बाद भी उस पुरुष को छोड़कर किसी अन्य से शादी कर सकती हैं।
साल में एक बार लगने वाले गौर मेला के दौरान गरासिया जनजाति की महिलाएं और पुरुष एक जगह इक्कट्ठा होते हैं।
मेला में गरसिया जनजाति के जोड़े अपनी पसंद के भागीदारों के साथ भाग जाते हैं। उनके लौटने के बाद लड़के के परिवार को दुल्हन के परिवार को एक राशि का भुगतान करना होता है।
राशि के भुगतान के बाद लड़के और लड़की की शादी कराई जाती है। शादी के बाद भी लड़की का अगर मन करे, तो अगले मेला में अपने लिए नए पार्टनर का तलाश कर सकती है।
बता दें कि गरसिया जनजाति में महिलाएं ज्यादा ऊंचा दर्जा रखती हैं और इसी वजह से इस जनजाति में कभी भी रेप या महिलाओं के साथ मारपीट जैसी कोई घटना नहीं होती है।
गरसिया जनजाति के लोग अपने जीवन यापन के लिए खेती करते हैं। इस जनजाति के ज्यादातर लोग शाकाहारी होते हैं।