मानसून ने कई राज्यों में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं अभी तक हरियाणा में मानसून की आहट भी नहीं दिखाई दे रही। इस बार केरल में मानसून ने जल्द दस्तक थी। ऐसे में हरियाणा में भी बारिश की जल्द संभावना थी।

इस बार दक्षिण-पश्चिमी मानसून की समय से पहले दस्तक के बाद भी जून का पहला पखवाड़ा सूखा बीत रहा है। हीट वेव का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। हालांकि मौसम विभाग ने अब इससे राहत के संकेत दिए हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली, एनसीआर सहित हरियाणा में बारिश की हलचल हो सकती है।
केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन की घोषणा 29 मई को की गई थी।एक से नौ जून के बीच बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई है। पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के बावजूद मानसून के आगमन के बाद से देश भर में कमी बढ़ रही है और इसी अवधि के दौरान -42 प्रतिशत की बड़ी कमी के साथ खड़ा है।
सात और आठ जून को पूरे भारत की कमी क्रमशः -65 प्रतिशत और -68 प्रतिशत पर सबसे अधिक रही है। जून 2022 के पहले आठ दिन के लिए संचयी भारतीय वर्षा हाल के दिनों में सबसे कम है। यह आंकड़ा जून 2019 के काफी करीब है, जब आठ जून को ही मानसून आ गया था। जून 2019 का महीना -32 प्रतिशत की बड़ी कमी के साथ समाप्त हुआ था, जो जून 2014 के बाद सबसे अधिक है।
देशभर में जून के पहले पखवाड़े में बरसात
वर्ष-----सामान्य----- कितनी हुई----- अंतर
2018-- 27.8एमएम ----- 27.9----- 00
2019----- 28.3----- 16.0----- -43
2020----- 28.3----- 44.1----- 56
2021----- 28.3----- 33.7----- 19
2020----- 27.2----- 15.8 -- -
नोट : ये आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
देशभर में यह बना मौसमी सिस्टम
मौसम विभाग के मुताबिक इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ देखा जा सकता है। एक अपतटीय टर्फ रेखा महाराष्ट्र तट से कर्नाटक तट तक फैली हुई है। एक अन्य टर्फ रेखा दक्षिण गुजरात तट से अरब सागर के मध्य भाग तक औसत समुद्र तल से 3.1 से 4.5 किमी के बीच फैली हुई है। हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में एक या दो स्थानों पर लू चलने की संभावना है।