Success Story of Farmer : इस किसान ने बदल दी ‘फलों के राजा’ की अवधारणा, अनूठे फ्रूट गार्डन में हैं 65 किस्म के आम और 40 तरह के केले

 
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Success Story of Farmer : इस किसान ने बदल दी ‘फलों के राजा’ की अवधारणा, अनूठे फ्रूट गार्डन में हैं 65 किस्म के आम और 40 तरह के केले

वैसे तो कहा जाता है कि फलों का राजा आम है, लेकिन इस किसान ने तमाम किस्म के फलों को उगाकर अघोषित रूप से यह खिताब अपने नाम कर लिया है। यहां लोग उक्त किसान को ही फलों का राजा कहते हैं।

दरअसल, यह किसान तमाम किस्म के फलों को उगाने में माहिर है। किसान के अनूठे फ्रूट गार्डन में 65 किस्म के आम और 40 तरह के केले उगाए जाते हैं। और भी न जानें क्या-क्या पैदा होता है यहां। आइए जानते हैं।

 

अपने खेत में नई-नई चीजें एक्साप्लो्र कर किसान हैं राजेंद्र हिंदुमाने (Rajendra Hindumane) आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। 20 साल पहले राजेंद्र की दिलचस्पी विदेशी फलों को जुटाने में हुई।

आज वह अपने खेत में 1,300 किस्मोंव के फल, पौधे और जड़ी-बूटियां उगाते हैं। इसमें उनकी दो बेटियां भी मदद करती हैं। ये सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे खेतों में उगने वाले पौधों और फलों का डेटाबेस मेनटेन करती हैं। राजेंद्र के फ्रूट गार्डन में 65 किस्मे के आम और 40 किस्म  के केले उगते हैं।

इसके अलावा काली मिर्च, हल्दी और लौंग भी उनके खेतों में मिल जाती है। वह विदेशी फलों को उगाने के उस्ताद हैं।

20 साल पहले राजेंद्र की दिलचस्पी विदेशी फलों के कलेक्शन में पैदा हुई। यह दिलचस्पी कब दीवानगी में बदल गई उन्हेंश खुद नहीं पता। उनका खेत कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र में है। इसमें वियतनाम, ब्राजील, मलेशिया और इंडोनेशिया के अलग-अलग किस्मों के फल आपको मिल जाएंगे।

राजेंद्र हिंदुमाने ने पश्चिम बंगाल और केरल से भी बीज जुटाए। खुले खेत में लगाने से पहले इन्हें पॉलीहाउस में उगाया और देखा। वह बताते हैं कि कई बार उनकी लाख कोशिशों के बावजूद पौधे सूख गए। लेकिन, इसके बाद वह इन्हें उगाने के तरीके पता करने के बारे में पूरी शिद्दत के साथ जुट गए।

राजेंद्र के दो बेटियां हैं। मेघा और गगन। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे पिता के शौक को प्रोत्साहित करने में थोड़ा भी पीछे नहीं रहती। खेत में उगने वाले पौधों के डेटाबेस को मेनटेन करने का काम यही दोनों संभालती हैं। डेटाबेस में पौधों के बॉटनिकल नेम्स, स्थानीय नाम, फ्लावरिंग के समय, उनकी मेडिसनल प्रॉपर्टीज, खासियत इत्यादि को दर्ज किया जाता है।

राजेंद्र आम की एक खास तरह की किस्म अपेमिड़ी को जमकर उगाते हैं। यह अचार बनाने के काम आता है। मलनाड क्षेत्र में यह अचार काफी लोकप्रिय है। उनके खेत में अपेमिड़ी की 60 से ज्यादा किस्में हैं। उनका परिवार करीब 150 किलो अचार बनाता है।

राजेंद्र के फ्रूट गार्डन में आम की 65 किस्मों, केले की 40, कस्टरर्ड एप्पउल की 30, वॉटर एप्पील की 18, कॉफी की 4 किस्में मिल जाएंगी। इसके अलावा भी वह कई तरह की किस्मों को उगाते हैं। इसके अलावा वह काली मिर्च, लौंग, अदरक, हल्दीह इत्या दि को भी उगाते हैं। राजेंद्र 55 साल के हो चुके हैं। उनका घर तरह-तरह के फलों से भरा रहता है।