Holi 2023: 70 साल से खौफ में है इस गांव के लोग, नहीं करते हैं होलिका दहन

 
होली का त्योहार देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन आज भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां पर होली का त्योहार नहीं मनाया जाता। आज हम आपको हरियाणा के हिसार जिले के एक ऐसे ही गांव की कहानी बताएंगे जो आजादी के बाद से कभी भी होली का त्योहार नहीं मना पाया है।  Also Read - मेरी कहानी- पति के ऑफिस जाने के बाद पड़ोस के जवान लड़के के साथ संबंध बनाए, उसने मुझे संतुष्ट किया लेकिन अब... Holi 2023: हिसार जिले के मंगाली गांव के उम्रदराज बुजुर्गों का कहना है कि आजादी से पहले 3 बार यहां होलिका दहन किया गया, लेकिन उसके तुरंत बाद कभी घरों में तो कभी बाड़े में आग लग गई। आग कैसे लगी, किसी को भी इसकी वजह नहीं पता, लेकिन तबसे यहां के लोगों ने होलिका दहन करना बंद कर दिया। दरअसल उनका मानना है कि अगर होलिका दहन किया गया तो गांव में कुछ बुरा हो सकता है।   Also Read - Bhabhi Devar Love Story: पति बड़ी उम्र का तो नहीं कर पाता संतुष्ट, अब देवर ने किया शारीरिक सुख, मेरी कहानी  बताया जा रहा है कि ऐसा साल 1944, 1945 और 1946 की होली जलाने पर हुआ, जिसके बाद से यहां कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया। वहीं आपको बता दें कि हिसार का मंगाली गांव होली ना मनाने के साथ ही एक महत्वपूर्ण वजह से जाना जाता है। दरअसल यहां के लोगों ने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.साल 1857 में मंगाली के क्रांतिकारियों ने हिसार जेल पर हमला करके 12 अंग्रेज अधिकारियों को मार गिराया। उसके बाद मंगाली में पुरानी हवेली को अंग्रेज सैनिकों ने घेर लिया था, जिससे बचने के लिए 300 क्रांतिकारियों ने कुंए में छलांग लगा दी थी।

होली का त्योहार देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन आज भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां पर होली का त्योहार नहीं मनाया जाता। आज हम आपको हरियाणा के हिसार जिले के एक ऐसे ही गांव की कहानी बताएंगे जो आजादी के बाद से कभी भी होली का त्योहार नहीं मना पाया है।

Holi 2023: हिसार जिले के मंगाली गांव के उम्रदराज बुजुर्गों का कहना है कि आजादी से पहले 3 बार यहां होलिका दहन किया गया, लेकिन उसके तुरंत बाद कभी घरों में तो कभी बाड़े में आग लग गई। आग कैसे लगी, किसी को भी इसकी वजह नहीं पता, लेकिन तबसे यहां के लोगों ने होलिका दहन करना बंद कर दिया। दरअसल उनका मानना है कि अगर होलिका दहन किया गया तो गांव में कुछ बुरा हो सकता है। 

बताया जा रहा है कि ऐसा साल 1944, 1945 और 1946 की होली जलाने पर हुआ, जिसके बाद से यहां कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया। वहीं आपको बता दें कि हिसार का मंगाली गांव होली ना मनाने के साथ ही एक महत्वपूर्ण वजह से जाना जाता है। दरअसल यहां के लोगों ने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.साल 1857 में मंगाली के क्रांतिकारियों ने हिसार जेल पर हमला करके 12 अंग्रेज अधिकारियों को मार गिराया। उसके बाद मंगाली में पुरानी हवेली को अंग्रेज सैनिकों ने घेर लिया था, जिससे बचने के लिए 300 क्रांतिकारियों ने कुंए में छलांग लगा दी थी।