Haryana News: राजस्थान के सरिस्का से रेवाड़ी में घुसा बाघ! लोगो में बना दहशत का माहौल

 
Haryana News: राजस्थान के सरिस्का से रेवाड़ी में घुसा बाघ! लोगो में बना दहशत का माहौल 


राजस्थान के सरिस्का से रेवाड़ी में घुसे बाघ की पहली झलक सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे देखने को मिली। अभी तक यहां बाघ के सिर्फ पैरों के निशान ही नजर आए थे। झाबुआ वन क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे में बाघ नजर आने के बाद ग्रामीण सतर्क हो गए हैं।

झाबुआ पहुंचे सरिस्का रेंज अधिकारी शंकर सिंह शेखावत बाघ को पकड़ने के लिए कई वाहनों के साथ यहां पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि ढाई साल के इस बाघ की 22 जुलाई से तलाश की जा रही है। 

15 अगस्त को बाघ ने मुंडावर के दरबारपुर में खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला कर दिया था। इसके बाद यह झाबुआ वन क्षेत्र में पहुंच गया। 18 अगस्त की सुबह झाबुआ के वन क्षेत्र में पहली बार बाघ के पैरों के निशान देखे गए।

यह पांच लोगों पर हमला कर चुका है।

राज्य सरकार ने बावल उपखंड के झाबुआ में मोर और चिंकारा प्रजनन केंद्र बनाया है। इस 748 एकड़ भूमि को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां चिंकारा, हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर बड़ी संख्या में हैं। यही वजह है कि बाघ को यहां पर्याप्त भोजन मिल रहा है। वन्य जीव विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि बाघ इस वन क्षेत्र से चला गया तो यह और अधिक खतरनाक हो सकता है। विभाग के अधिकारी बाघ की हर पल की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। यहां से जाने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ निकटवर्ती गांव भटसाना व जड़थल की ओर चला जाएगा। इस बाघ ने राजस्थान में 5 लोगों पर हमला किया था।

निगरानी के लिए लगाए 10 कैमरेझाबुआ के वन्य जीव प्रतिपालक चरण सिंह, दीपक, बावल रेंज के वनरक्षक प्रेम कुमार ने बताया कि राजस्थान से आई टीम दो दिन से यहां डेरा डाले हुए है। बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। झाबुआ के साथ ही निकटवर्ती भटसाना, जड़थल, धारूहेड़ा व खरखड़ा गांव में रहने वाले लोगों में भय व चिंता का माहौल है। पिंजरे के साथ पहुंची टीम में डॉ. दीनदयाल मीना व डॉ. अरविंद माथुर भी शामिल हैं।