हरियाणा के सिरसा जिले के किसान ने YouTube से आइडिया लेकर की सौंफ की खेती, अब महक रही धरती

हरियाणा के सिरसा जिले के छोटे से गांव जोड़कियां के किसान सतबीर सिंह देहड़ू ने यूट्यूब से आइडिया लेकर खेती शुरु की। अब सतबीर सिंह की मेहनत रंग ला रही है। 

 
हरियाणा के सिरसा जिले के किसान ने YouTube से आइडिया लेकर की सौंफ की खेती, अब महक रही धरती

हरियाणा के सिरसा जिले के छोटे से गांव जोड़कियां के किसान सतबीर सिंह देहड़ू ने यूट्यूब से आइडिया लेकर खेती शुरु की। अब सतबीर सिंह की मेहनत रंग ला रही है। 

एक समय था जब किसान गेहूं, कपास, बाजरा व धान के अलावा और कोई खेती में रुचि नहीं दिखाते थे। लेकिन समय के साथ-साथ खेतीबाड़ी के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। हरियाणा प्रदेश के सरसा जिले में एक ऐसा किसान भी है, जो आर्गेनिक सौंफ की खेती करके लाखों रुपए कमा रहा है। 

दरअसल, सरसा (हरि.) जिले के गांव जोड़कियां (सरसा) में किसान सतबीर देहड़ू ने पहली बार सौंफ की खेती करने का मन बनाया। सतबीर को सौंफ की खेती करने का यह आइडिया यूट्यूब पर विडियो देखकर आया। 

इस खेती के बारे में उन्होंने सर्च किया और इस कृषि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। आखिरकार अक्टूबर 2023 में किसान ने सौंफ की खेती का मन बना लिया। किसान सौंफ का बीज जोधपुर से लेकर आया। 

किसान ने बताया कि एक एकड़ में लगभग 800 ग्राम बीज की आवश्यता होती है। इस फसल को पककर तैयार होने में लगभग 150-180 दिन का समय लगता है। खास बात यह भी है कि किसान सतबीर देहडू, सरसा जिले में एक मात्र किसान है जो यह खेती कर रहा है। 

बीए पास कर चुके किसान सतबीर ने बताया कि बाजार में सौंफ की अच्छी खासी डिमांड है। किसान ने बताया कि एक एकड़ से 2 लाख रुपए कमाया जा सकता है। 

सिरसा जिले में सौंफ की खेती करने वाले इस इकलौते किसान ने बताया कि सौंफ की खेती बहुत ही ज्यादा मुनाफा देने वाली है, लेकिन इसके बारे में किसानों को ज्यादातर जानकारी नहीं होती इसलिए किसान पारम्परिक खेती पर निर्भर रहता है। 

उन्होंने बताया कि सौंफ की खेती के लिए वे बीज जोधपुर से लेकर आया था। इसके लिए मीेठे पानी की आवश्यकता होती है जिसके लिए किसान सतबीर ने खेत में पानी की डिग्गी का निर्माण करवाया। किसान ने बताया कि सौंफ की फसल तीन सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है। इसकी कटाई लगभग अप्रैल माह में हो जाती है।

आॅर्गेनिक तरीके से होती है तैयार
किसान सतबीर ने बताया कि सौंफ की खेती आर्गेनिक तरीके से होती है। इसमें किसी प्रकार की खाद व स्पे्र की जरूरत नहीं होती। और पैदावार भी अच्छी होती है। आर्गेनिक तरीके से तैयार सौंफ लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है इसीकारण ज्यादा लोग आर्गेनिक खाद्य पदार्थों की तरफ आकर्षित होते हैैं।

समस्या:
किसान सतबीर ने बताया कि सौंफ की पैदावार तो अच्छी हो जाती है लेकिन नजदीक मंडी नहीं होने के कारण हमें फसल को जोधपुर लेकर जाना पड़ता है। जिससे मंडी तक लेकर जाने में अधिक व्यय करना पड़ता है। 

किसान ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसानों परम्परागत खेती छोड़ आधुनिक खेती की ओर अग्रसर करने के लिए अनुुदान देना चाहिए। ताकि जो खेती घाटे का सौदा बन रही है वो किसानों के लिए लाभ का सौदा बन जाए।