My Sirsa, New delhi
टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में मंगलवार को पंजाब के मुक्तसर जिले के गांव लुहारा के किसान की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार अवतार सिंह पुत्र जंगीर सिंह का सुबह करीब तीन बजे टिकरी बॉर्डर पर निधन हो गया। साथी किसानों गुरविंदर सिंह, दर्शन सिंह, सुरिंदर सिंह ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक अवतार सिंह वहां मौजूद थे। सुबह करीब तीन बजे किसान को बेचैनी महसूस होने लगी। दिल की धड़कन बढ़ने से मौत हो गई।
वहीं गांव बरकंदी के भी एक किसान की दिल्ली संघर्ष से लौटने के बाद घर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। गांव बरकंदी के किसान नंबरदार जगतार सिंह गिल कई दिनों से दिल्ली संघर्ष में शामिल हो रहे थे। सोमवार को वह लौटे थे। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर, दिल्ली धरने से लौटे फिरोजपुर के गांव सवाईके निवासी युवा किसान लवप्रीत सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
लवप्रीत सिंह एक सप्ताह पहले टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में गया था। तबीयत बिगड़ने पर वह 10 जनवरी को गांव लौट आया। मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। लवप्रीत के चाचा कृपाल सिंह ने बताया कि लवप्रीत सिंह (27) पुत्र बलवीर सिंह एक सप्ताह पहले किसानों के साथ टीकरी बॉर्डर धरने में गया था। बुखार होने पर दो दिन पहले ही वह ममदोट स्थित गांव सवाईके लौटा था। मंगलवार को अचानक लवप्रीत की तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई।
डॉक्टरों का कहना है कि लवप्रीत को दिल का दौरा पड़ा है। कृपाल ने बताया कि लवप्रीत के पास लगभग दो एकड़ जमीन है। इसी जमीन से घर का पालन-पोषण चलता था। कुछ साल पहले ही लवप्रीत के पिता बलवीर का देहांत हो गया था। घर में कमाने वाला लवप्रीत ही था। लवप्रीत की दो बेटियां हैं।
पठानकोट-अमृतसर हाईवे पर स्थित लदपालवां टोल प्लाजा पर मंगलवार शाम एक किसान ने जहर निगल लिया। गंभीर हालत में उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान गुरदासपुर के गांव खोखर निवासी सुच्चा सिंह के तौर पर हुई है। सुच्चा सिंह बिजली बोर्ड से जेई के तौर पर सेवानिवृत्त हुआ था और गांव में खेती करता था। धरने पर डटे अन्य किसानों ने बताया कि सुच्चा सिंह उक्त धरने पर कई बार आए थे और जरूरत का सामान धरने पर बैठे किसानों को देते थे। वह कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से परेशान चल रहे थे।
मृतक के साथी किसान दलजीत सिंह ने बताया कि सुबह 11 बजे सुच्चा सिंह गुरदासपुर से लदपालवां धरने पर पहुंचे और साथ में सब्जियां ले आए। उन्होंने धरने के लिए 10 हजार रुपये सहयोग राशि दी और कहा कि अब यह कृषि कानून और किसानों का दर्द उन्हें बहुत दुख दे रहा है। इसके बाद वह देर शाम वहीं बैठे रहे। अचानक साढ़े छह बजे उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें चौहान मेडिसिटी ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दे दिया।