पाकिस्तानी सीमा के पास बना ये खास एक्सप्रेसवे, इन चार राज्यों के बीच बढ़ाएगा कनेक्टिविटी, सफर होगा बिल्कुल आसान
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Amritsar-Jamnagar Expressway - अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे पर यातायात शुरू होने के साथ ही एक्सप्रेसवे का राजस्थान का हिस्सा पूरी तरह ऑपरेशनल हो गया है. राजस्थान में एक्सेस कंट्रोल्ड गलियारे की 600 किलोमीटर से अधिक है. इसकी कुल लंबाई 1,256 किलोमीटर है.
राजस्थान में यह हनुमानगढ़ जिले के जाखड़ावाली गांव से जालौर जिले के खेतलावास गांव तक फैला हुआ है. यह एक्सप्रेसवे पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ बना है.
देश के 4 राज्यों पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात को जोड़ेगा. यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके बनने के बाद अमृतसर और जामनगर के बीच की दूरी 1,430 किलोमीटर से घटकर 1,256 किलोमीटर रह जाएगा. सफर करने का समय भी 26 घंटो से घटकर 13 घंटे हो जाएगा.
यह एनएचएआई द्वारा निर्माणाधीन 6 लेन का आंशिक रूप से एक्सेस कंट्रोल हाईवे है. इस हाईवे का 915.85 किमी हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट पर बनाया जाएगा, जबकि बाकी हिस्सा मौजूदा नेशनल हाईवे को अपग्रेड करके बनाया जाएगा. इसके ग्रीनफील्ड सेक्शन पर निर्माण कार्य साल 2019 में शुरू हुआ था.
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के सबसे लंबे इकॉनोमिक कॉरिडोर में से एक है. इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा पार्ट 636 किमी राजस्थान में है, जो हनुमानगढ़ जिले के गांव जाखड़ावाली से जालौर जिले के गांव खेतलावास तक फैला है. यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर से गुजरेगा.
सड़क हादसे रोकने के लिए इस एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है. स्पीड लिमिट की बात करें तो इस कॉरिडोर पर मैक्सिमम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. हर 1 किमी की दूरी पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम होगा. कॉल करते ही एम्बुलेंस, पेट्रोल आदि उस लोकेशन में चंद मिनट में पहुंचेंगी.
यह कॉरिडोर देश की 3 रिफायनरी पंजाब की भटिंडा रिफायनरी, राजस्थान की बाड़मेर रिफायनरी एवं गुजरात की जामनगर रिफायनरी को जोड़ेगा.
अमृतसर- जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को कपूरथला जिले में सुल्तानपुर लोधी के पास दिल्ली-कटरा एक्स्प्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इससे इस कॉरिडोर से राजस्थान के लोगों की दिल्ली-कटरा एक्स्प्रेसवे से वैष्णो देवी की यात्रा सुगम होगी.