रिटायर्ड फौजी को दी जा रही थी ज्यादा पेंशन, 40 साल बाद हुआ खुलासा, अब हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए केन्द्र सरकार पर जुर्माना लगाया है. एक रिटायर्ड फौजी की अप्रैल 1979 से जारी पेंशन लाभ में कटौती को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार व सैन्य अथॉरिटी को काटी गई पेंशन ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है.
जस्टिस जेएस पुरी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चालीस साल बाद ऑथोरिटी को साल 2019 में पता चला कि रिटायर्ड फौजी को ज्यादा पेंशन दे दी गई है. लेकिन अब इसे वापस लेना अनुचित है. उन्होंने कहा कि खुद की गलती की सजा हम दूसरों को नहीं दे सकते.
6% ब्याज के साथ लौटाना होगा पैसा
हाईकोर्ट ने रिटायर्ड फौजी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कि उनकी काटी गई पेंशन राशि को तीन माह के अंदर 6 प्रतिशत ब्याज दर के साथ वापस किया जाए. यदि इस निर्धारित समय में राशि वापस नहीं की गई तो फिर 9% की ब्याज दर से राशि वापस करनी पड़ेगी. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 80 वर्षीय फौजी को याचिका दायर करने के लिए विवश करने पर अथॉरिटी को 25 हजार रुपए खर्चा देने का भी आदेश दिया.
यह है पूरा मामला
कश्मीर सिंह निवासी तरनतारन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि इंडियन आर्मी में वह बतौर सिपाही साल 1964 में भर्ती हुआ था और 1974 में रिटायर्ड हो गया था. जिसके बाद से उसे पेंशन मिल रही थी, लेकिन साल 2019 में केंद्र सरकार को पता चला कि उसकी पेंशन तय करने में गलती हुई है, जिसकी वजह से उसे अतिरिक्त भुगतान किया गया था.
केंद्र सरकार की तरफ से याची की पेंशन दोबारा तय की गई और अतिरिक्त दी गई पेंशन को रिकवर करने का फैसला किया गया. जिसके लिए पेंशन से हर महीने 3500 रुपए की दर से कटौती की जाने लगी. रिटायर्ड फौजी द्वारा अतिरिक्त राशि की रिकवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी. अब हाईकोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे बड़ी राहत दी है.