300 रुपये की नौकरी से लेकर Jet Airways के मालिक बनने तक, फिर कैसे सड़क पर आए नरेश गोयल?
Naresh Goyal Story: कुछ साल पहले तक सैकड़ों करोड़ डॉलर के खिलाड़ी नरेश गोयल आज जेल की सलाखों के पीछे हैं. उन्हें एक बैंक फ्रॉड के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। नरेश गोयल ने अपनी मां से पैसे उधार लिए और जेट एयरवेज की शुरुआत की। उनके आईपीओ के बाद, फोर्ब्स ने नरेश गोयल की नेट वर्थ को 1.9 बिलियन डॉलर पर आंका।
लेकिन उनकी कंपनी के पतन के साथ ही उनके सितारे भी गिर गए। नरेश गोयल ने अपने करियर की शुरुआत 300 रुपये मासिक वेतन के साथ की थी. आइए जानें उनकी जेट एयरवेज के मालिक बनने तक की कहानी और फिर अर्श से फर्श पर पहुंचने की यह अनोखी कहानी।
ट्रैवल एजेंसी पर 300 रुपये की नौकरी 1967 में
1949 के दिसंबर में, पंजाब के संगरूर में जन्मे नरेश गोयल के पिता एक कारोबारी थे। पिता के अचानक निधन से उनका परिवार बड़ी मुश्किलों में पड़ गया। जब वह मात्र 11 साल के थे, तो उनका परिवार एक आर्थिक संकट से गुजर रहा था।
इस समय सरकार और बैंक की कार्रवाई के परिणामस्वरूप, गोयल परिवार की सम्पूर्ण संपत्ति चली गई। इसके बाद, उनके मामा ने उनकी शिक्षा के लिए ग्रेजुएशन तक के खर्च को उठाया। उनके ग्रेजुएशन के बाद, 1967 में उन्होंने एक ट्रैवल एजेंसी में कैशियर की पद के लिए काम किया, जहां उन्हें मासिक रूप से 300 रुपये का वेतन प्राप्त होता था।
कई ट्रैवल एजेंसी पर किया सात साल काम
इसके बाद, नरेश गोयल ने लेबनानी इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए जीएसए ट्रैवल एजेंसी से जुड़ गए। 1967-1974 के बीच, गोयल ने कई विदेशी एयरलाइंस के साथ मिलकर ट्रैवल एजेंसी से काम सीखा।
इस दौरान, उन्होंने विदेश की भी यात्राएं की। कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ, उन्हें 1969 में इराकी एयरवेज के पीआर मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया।
1971 में, गोयल रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस (Royal Jordanian Airlines) में विभागीय मैनेजर बने और 1974 तक इस पद पर काम किया। इस दौरान, उन्होंने विभिन्न प्रकार के काम का अनुभव प्राप्त किया।
1974 में शुरू की ट्रैवल एजेंसी
इसके बाद, उन्होंने अपनी ट्रैवल एजेंसी शुरू करने के लिए 1974 में ही मां से पैसे उधार लेकर काम शुरू किया। अपनी एजेंसी का नाम उन्होंने "जेटएयर" रखा। जेटएयर ने एयर फ्रांस, ऑस्ट्रियन एयरलाइंस, और कैथी पैसिफिक एयरलाइन की सेल्स और मार्केटिंग में काम किया।
वह 1975 में फिलिप एयरलाइंस के रीजनल मैनेजर बने और उन्होंने भारत में एयरलाइन के व्यापारिक कार्यों का प्रबंधन किया। 1991 में, जब भारत सरकार ने ओपन स्काइज पॉलिसी की घोषणा की, तो उन्होंने 1992 में एक एयरलाइन कंपनी की स्थापना की।
ट्रैवल एजेंसी जेटएयर के नाम को बदलकर उन्होंने इसे जेट एयरवेज में रूप दिया।
1993 में शुरू हुई जेट एयरवेज
जेट एयरवेज ने 1993 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया। 2004 तक, जेट एयरवेज ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन भी शुरू किया। 2007 में वे एयर सहारा को अधिग्रहण करने के बाद 2010 तक जेट एयरवेज भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई थी।
कई सालों तक सब कुछ अच्छे से चल रहा था, लेकिन फिर उनकी कंपनी के लिए मुश्किलें आने लगीं और मार्च 2019 में उन्हें अपने पद से हटना पड़ा।
2019 में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा
2000 के दशक में उनके खिलाफ एक प्रैवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग (Prevention of Money Laundering) मामला दर्ज हुआ। इसमें उनके खिलाफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ के संबंधों का आरोप था।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि जेट एयरवेज की स्थापना दाऊद इब्राहिम ने की थी। संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के मामले में, ईडी ने उन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया।
इसके बाद, 2019 में उन्होंने अपनी पत्नी अनीता गोयल के साथ जेट एयरवेज के बोर्ड से इस्तीफा दिया, लेकिन उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं।
किस मामले में गए जेल
जेट एयरवेज का संचालन बंद हो गया है। प्रमोटर नरेश गोयल पर ईडी का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। ईडी ने गोयल समेत कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया है।
दिल्ली से लेकर मुंबई तक उनके आठ ठिकानों पर छापेमारी हुई है और उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जांच एजेंसी ने अब केनरा बैंक की शिकायत पर नया केस दर्ज किया है।
केनरा बैंक ने उन पर आरोप लगाया है कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) के लिए 848.86 करोड़ का कर्ज मंजूर किया था, जिसमें से अब भी 538.62 करोड़ रुपये बकाया है। अब उनकी गिरफ्तारी बैंक फ्रॉड के केस में हुई है।