शंभू-टिकरी बॉर्डर पर डटे किसान, 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान, 10 मार्च को करेंगे ये..

 
शंभू-टिकरी बॉर्डर पर डटे किसान, 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान, 10 मार्च को करेंगे ये..

हरियाणा-पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 21 दिनों से डटे हुए हैं। इस आंदोलन में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। अब किसानों ने फिर से 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। वहीं, 10 मार्च को दोपहर 12 से 4 बजे तक देशभर में ट्रेनें रोकने की भी घोषणा की है।

लेकिन, जो किसान दोनों बॉर्डरों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर बैठे हैं, वे वहीं धरना देंगे। ये ऐलान किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने रविवार (3 मार्च) को बठिंडा में शुभकरण सिंह की अंतिम अरदास के दौरान मंच से किया था। इस ऐलान के बाद किसान अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।

पंजाब में किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक के नेता पंधेर ने कहा कि 6 मार्च को हरियाणा-पंजाब को छोड़कर दूसरे राज्यों के किसान अपने-अपने तरीके से दिल्ली पहुंचेंगे। चाहे वे ट्रेन से आएं या पैदल। सरकार कहती है कि किसान ट्रेन-बस से दिल्ली पहुंच सकते हैं। जबकि, दिल्ली जा रहे बिहार-कर्नाटक के किसानों को पुलिस ने ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया।

6 मार्च के कूच से साफ हो जाएगा कि सरकार किसानों को बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के भी दिल्ली आने देना चाहती है या नहीं।

पंधेर ने आगे कहा कि आज तक इतिहास में कभी आंदोलन में ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। सरकार ने बाहर से ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागे। हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर सरकार ने पाकिस्तान और चीन बॉर्डर बना दिए। उन बॉर्डरों पर तार होते हैं, लेकिन सरकार ने पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर दीवारें ही खड़ी कर दीं।

भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन बॉर्डर पर भी कानून होते हैं, लेकिन हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर कोई कानून नहीं है। केंद्र सरकार ने 70 हजार फोर्स का इस्तेमाल किया।

बठिंडा में शुभकरण सिंह की अंतिम अरदास हुई, जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण पंधेर समेत हजारों किसान पहुंचे। मंच से पंधेर ने 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान किया। हरियाणा-पंजाब को छोड़ देशभर के किसान ट्रेन, बस या फिर पैदल दिल्ली कूच करेंगे। इसके अलावा 10 मार्च को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में ट्रेन रोकने का ऐलान किया गया।