क्या आप भी रोज पीते हो 'कच्चा दूध', ठहरिये हो सकते है ये बड़े नुकसान

 
dudh peene ke fayde or nuksaan

Demerits of Raw Milk: सदियों से हमने देखा है कि दूध को पहले उबालकर पीने का प्रथमिकता दिया जाता है, चाहे वो डेयरी उत्पाद हो या गाय का दूध। इसका मुख्य कारण है कि इसमें मौजूद जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए उबालना आवश्यक होता है।

इसके बावजूद, कच्चे दूध को पीने के बहुत सारे लोग होते हैं। उनका तर्क यह होता है कि कच्चे दूध में पास्चुराइज्ड मिल्क यानी उबले दूध की तुलना में अधिक पोषक तत्व और एंजाइम होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे दूध का सेवन स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है। तो चलिए देखें कि कच्चे दूध का सेवन हमारे लिए सही है या नहीं।

कच्चे दूध के नुकसान | Disadvantages of Raw Milk

क्यों नहीं पीना चाहिए कच्चा दूध

कच्चा दूध वह दूध होता है जो सीधे गाय से लोगों तक पहुँचता है। वहीं, उबला हुआ दूध, जिसे पास्चुराइज्ड (Pasteurized) दूध भी कहा जाता है, इसे अच्छे से हाई टेम्परेचर पर उबाला जाता है, जिससे इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही, दूध खराब नहीं होता है।

kache dudh ke nuksaan

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

कच्चे दूध को पीने वाले व्यक्तियों का यह तर्क होता है कि यह प्राकृतिक होता है, इसलिए इसमें पूरे मात्रा में पोषण मिलता है। यह सत्य है कि दूध को उबालने से उसमें पाए जाने वाले विटामिन्स की मात्रा कुछ कम हो जाती है, लेकिन यह पूरी तरह से हमारे लिए हानिकारक नहीं होता। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार बातें बढ़ा चढ़ाकर कही जाती हैं।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, कच्चे दूध में लिस्टेरिया, साल्मोनेला, और ई. कोली जैसे हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिनके कारण इसका सेवन कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

उल्टी, बुखार, पेट खराब, थकान, इन सभी लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है, जब कच्चे दूध को पीते समय आपको समस्या होती है। और इसे नियमित रूप से उपयोग करने से डिहाइड्रेशन, दिमाग के नुकसान की संभावना हो सकती है, बल्कि इससे किसी की जान भी जा सकती है।

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दूध को क्यों उबाल कर पीना चाहिए

पास्चुराइज्ड दूध के बारे में जानकारी से हमें यह पता चलता है कि दूध को क्यों उबालकर पीना शुरू किया गया था। आदिकाल से, दूध को कच्चा पीना प्राथमिक था, लेकिन सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल के अनुसार, इससे बीमारियों का प्रसार होता था और कई लोग इसकी वजह से जान गंवा देते थे।

इसके बाद, दूध को उबालने का अभियां शुरू हुआ और बीमार लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई। इसलिए यह आदर्श माना गया है।

यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, सीडीसी, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्टेट पब्लिक हेल्थ वेटेरिनेरियन्स जैसे कई प्रमुख वैज्ञानिक संगठनों ने भी पास्चुराइज्ड को सलाह दी है। डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की भी यही सिफारिश है।

Disclaimer: सलाह के साथ, यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए, हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Mysirsa इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।