जब जब धरती पर अधर्म बढ़ेगा लोग स्वार्थ के वश होकर दूसरों पर अत्याचार करेेंगे : कथा व्यास गंगा देवी

गांव दड़बा कलां स्थित श्री कृष्ण प्राणामी गोशाला में श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का आयोजन
 
जब जब धरती पर अधर्म बढ़ेगा लोग स्वार्थ के वश होकर दूसरों पर अत्याचार करेेंगे : कथा व्यास गंगा देवी

गांव दड़बा कलां स्थित श्री कृष्ण प्राणामी गोशाला में श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में वीरवार को कथा व्यास परम पूज्य गंगा देवी वृंदावन धाम ने छठे दिन की कथा के अंतर्गत भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी की विवाह की सुंदर सी कथा हुई,  

आज की कथा में भगवान ने अत्याचारी कंस का वध किया और भगवान इस चरित्र के द्वारा बताना चाहते हैं कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ेगा लोग स्वार्थ के वश होकर दूसरों पर अत्याचार करेंगे तब तब किसी न किसी रूप में भगवान जी अवतार लेकर अधर्मियों का नाश करेंगे।

कथा व्यास परम पूज्य गंगा देवी वृंदावन धाम ने भगवान के अवतार लेकर कैसे कालिया नाग को मार करके जल की शुद्धि करी अग्नि का पान करके अग्नि की शुद्धि करी, तो भगवान जी का अवतार अपने भक्तों के लिए और पूरे भूमंडल को आनंद देने के लिए ही होता है

 और इसी क्रम में भगवान ने गोवर्धन धारण लीला करि, वह झांकी के माध्यम से दिखाया गया, इसीलिए संसार में भगवान जी का नाम ही परम सत्य है, जो मानव शरीर धारण कर भगवान से दूर रहते हैं वह पशु के समान कह गए हैं शास्त्र में, तभी कहा गया है धर्मेंण हीना पशुभि: समाना।

कथा वाचक गंगा देवी ने कहा कि कलियुग में श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है। भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है, साथ ही मन और मस्तिष्क भी स्वच्छ हो जाता है।