हरियाणा के अंबाला में दर्दनाक हादसा, दो बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम
हरियाणा के गांव खरीडवा में दर्दनाक हादसा हो गया। जहां 2 बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। गांव के गोताखोरों ने करीब 4 घंटे बाद बच्चों के शव निकाले। मृतक बच्चों की पहान मनप्रीत उर्फ मयंक और चेतन के रूप में हुई है।
मनप्रीत के पिता सतीश कुमार का कहना है कि दोनों बच्चे लगभग 12 बजे घर से खेलने के लिए निकले थे। लेकिन जब काफी देर तक दोनों घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने बच्चों को ढूंढना शुरु किया।
करीब दोपहर 2:30 बजे परिजन व ग्रामीण जोहड़ पर पहुंचे तो देखा कि दोनों बच्चों के कपड़े जोहड़ के बाहर पड़े हुए थे। इसके बाद 3 बजे गांव के ही 3 गोताखोर बच्चों की तलाश में जोहड़ में उतर गए। करीब 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव जोहड़ से बाहर निकाले।
सूचना मिलते ही सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार व गुरजंट मौके पर पहुंचे और परिजनों के बयान दर्ज किये। पुलिस कार्रवाई के दौरान निर्मल कुमार ने अपने बेटे चेतन का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और किसी भी तरह की कार्रवाई से भी इंकार कर दिया जबकि सतीश कुमार ने अपने मृतक बेटे मनप्रीत का पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमति जताई और जिस पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एलएनजेपी कुरुक्षेत्र भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक चेतन (11) और मनप्रीत (11) सरकारी स्कूल खरींडवा में चौथी क्लास के छात्र थे।
ग्रामीणों का आरोप, नहीं लगाया सूचना पट
गांव खरींडवा के जोहड़ में सफाई चल रही है, इसलिए जोहड़ के किनारे अलग से गहरा गड्ढ़ा बनाकर पानी उसमें एकत्रित किया गया है। लेकिन आस-पास किसी तरह का सूचना पट नहीं लगाया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत की तरफ से सरपंच पवन कुमार ने जोहड़ को गहरा खुदवाया है।
जोहड़ गहरा होने के कारण बच्चे जोहड़ में डूबे हैं। सरपंच पवन कुमार ने बताया कि पिछले 30 साल से जोहड़ की सफाई नहीं हुई थी। सफाई के समय जोहड़ को इतना गहरा भी नहीं खोदा गया है। सरपंच ने कहा कि नहाने गए दोनों बच्चे जोहड़ में दल-दल में फंसे हैं इसलिए उनकी डूबने से मृत्यु हुई है। उन्होंने परिवार को पंचायत फंड से मदद का आश्वासन दिया।
पूर्व मंत्री ने व्यक्त की सांत्वना, दिया मदद का आश्वासन
हादसे के बाद पूर्व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी और विधायक रामकरण के बेटे कंवरपाल सांत्वना देने के लिए गांव में पहुंचे। पूर्व राज्यमंत्री मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से परिवारों की हरसंभव मदद करवाने की कोशिश करेंगे। विधायक रामकरण के बेटे और जिला परिषद सदस्य कंवरपाल ने परिवारों को सांत्वना दी और विधायक कोष से हरसंभव मदद करवाने के विश्वास दिलवाया।
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हरियाणा के अंबाला में दर्दनाक हादसा, दो बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम
हरियाणा के गांव खरीडवा में दर्दनाक हादसा हो गया। जहां 2 बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। गांव के गोताखोरों ने करीब 4 घंटे बाद बच्चों के शव निकाले। मृतक बच्चों की पहान मनप्रीत उर्फ मयंक और चेतन के रूप में हुई है।
मनप्रीत के पिता सतीश कुमार का कहना है कि दोनों बच्चे लगभग 12 बजे घर से खेलने के लिए निकले थे। लेकिन जब काफी देर तक दोनों घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने बच्चों को ढूंढना शुरु किया।
करीब दोपहर 2:30 बजे परिजन व ग्रामीण जोहड़ पर पहुंचे तो देखा कि दोनों बच्चों के कपड़े जोहड़ के बाहर पड़े हुए थे। इसके बाद 3 बजे गांव के ही 3 गोताखोर बच्चों की तलाश में जोहड़ में उतर गए। करीब 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव जोहड़ से बाहर निकाले।
सूचना मिलते ही सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार व गुरजंट मौके पर पहुंचे और परिजनों के बयान दर्ज किये। पुलिस कार्रवाई के दौरान निर्मल कुमार ने अपने बेटे चेतन का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और किसी भी तरह की कार्रवाई से भी इंकार कर दिया जबकि सतीश कुमार ने अपने मृतक बेटे मनप्रीत का पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमति जताई और जिस पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एलएनजेपी कुरुक्षेत्र भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक चेतन (11) और मनप्रीत (11) सरकारी स्कूल खरींडवा में चौथी क्लास के छात्र थे।
ग्रामीणों का आरोप, नहीं लगाया सूचना पट
गांव खरींडवा के जोहड़ में सफाई चल रही है, इसलिए जोहड़ के किनारे अलग से गहरा गड्ढ़ा बनाकर पानी उसमें एकत्रित किया गया है। लेकिन आस-पास किसी तरह का सूचना पट नहीं लगाया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत की तरफ से सरपंच पवन कुमार ने जोहड़ को गहरा खुदवाया है।
जोहड़ गहरा होने के कारण बच्चे जोहड़ में डूबे हैं। सरपंच पवन कुमार ने बताया कि पिछले 30 साल से जोहड़ की सफाई नहीं हुई थी। सफाई के समय जोहड़ को इतना गहरा भी नहीं खोदा गया है। सरपंच ने कहा कि नहाने गए दोनों बच्चे जोहड़ में दल-दल में फंसे हैं इसलिए उनकी डूबने से मृत्यु हुई है। उन्होंने परिवार को पंचायत फंड से मदद का आश्वासन दिया।
पूर्व मंत्री ने व्यक्त की सांत्वना, दिया मदद का आश्वासन
हादसे के बाद पूर्व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी और विधायक रामकरण के बेटे कंवरपाल सांत्वना देने के लिए गांव में पहुंचे। पूर्व राज्यमंत्री मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से परिवारों की हरसंभव मदद करवाने की कोशिश करेंगे। विधायक रामकरण के बेटे और जिला परिषद सदस्य कंवरपाल ने परिवारों को सांत्वना दी और विधायक कोष से हरसंभव मदद करवाने के विश्वास दिलवाया।