Smart Meter: देशभर में लगेंगे स्मार्ट मीटर, अपने मोबाइल से कर सकेंगे रिचार्ज, नहीं कटेगी बिजली
Smart Meter: बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए बिजली विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। बिजली चोरी को रोकने के लिए देशभर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी बिलासपुर में भी स्मार्ट मीटर लगाना शुरु कर दिया है।
बिजली उपभोक्ताओं को बिजली इस्तेमाल करने से पहले मोबाइल की तरह ही स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करना होगा और उपभोक्ता बैलेंस के आधार पर ही बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। पैसे खत्म होने पर बिजली अपने आप कट जाएगी।
क्या होते हैं प्रीपेड मीटर?
प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपनी बिजली का बिल चुकाना होगा, ठीक वैसे ही जैसे आप अपना मोबाइल फोन रिचार्ज करते हैं। अगर आप 300 रुपए से ज्यादा की बिजली इस्तेमाल करते हैं तो आपकी बिजली तुरंत बंद नहीं होगी।
300 रुपए का बैलेंस खत्म होने के बाद आपकी बिजली तब तक बंद रहेगी, जब तक आप अपना मीटर रिचार्ज नहीं कर लेते। लेकिन चिंता न करें, बिजली पूरी तरह कटने से पहले आपके पास रिचार्ज करने के लिए 5 दिन का ग्रेस पीरियड है।
स्मार्ट मीटर के लिए रिचार्ज करना होगा जरूरी
केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी राज्यों में स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना बनाई थी और सभी उपभोक्ताओं के लिए पोस्टपेड मीटर की जगह प्रीपेड मीटर लगाने के निर्देश दिए थे।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने बिलासपुर में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया है। जल्द ही बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली का उपयोग करेंगे, जिसके लिए पहले रिचार्ज कराना होगा।
खाते में उपलब्ध बैलेंस के आधार पर ही बिजली का उपयोग होता है, पैसा खत्म होने पर बिजली अपने आप कट जाएगी। टैरिफ दर से कम हो सकते हैं बिल बिजली कंपनी ने घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए अलग-अलग टैरिफ प्लान बनाए हैं।
इस टैरिफ प्लान के अनुसार प्रति यूनिट तय औसत दर 6 रुपए से शुरू होती है, जो बिजली के लोड के आधार पर 12 रुपए या इससे भी ज्यादा हो जाती है। इसमें खास बात यह है कि बिजली कंपनी का टैरिफ प्लान 50 यूनिट तक के लिए अलग, 51 से 100 यूनिट के लिए अलग, 101 से 150 और 151 से 200 यूनिट के लिए अलग और 201 यूनिट से ज्यादा के लिए अलग है।
समय पर नहीं आता मीटर रीडर मीटर रीडिंग जांचने के लिए हर महीने औसतन 35 से 40 दिन या इससे भी ज्यादा समय के बीच आता है। ऐसे में 30 दिन की यूनिट और 40 दिन की यूनिट अलग-अलग हो जाती है। इसमें टैरिफ प्लान भी बदल जाता है और सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता।
इतना ही नहीं, ऊर्जा प्रभार का बोझ बढ़ जाता है और उपभोक्ता को कोई राहत नहीं मिल पाती। प्रीपेड मीटर के कांसेप्ट से असमंजस बिजली विभाग की इस पहल के बाद शहर के लोग भी थोड़े असमंजस में हैं। शहर के लोग अभी तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कांसेप्ट को समझ नहीं पाए हैं। लोगों के मन में डर है कि नए मीटर लगने के बाद बिजली का खर्च बढ़ सकता है।
साथ ही लोग बिजली इस्तेमाल से पहले भुगतान करने में भी हिचकिचा रहे हैं। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा होने में अभी लंबा सफर तय करना है। ऐसे में देखना होगा कि बिजली विभाग उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की जानकारी देने में सफल होता है या उनका असमंजस बरकरार रहता है।
गलत रीडिंग जैसी समस्याओं पर लगेगी रोक इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लगने के बाद रीडर न आने, गलत रीडिंग देने जैसी समस्याओं पर रोक लगेगी। जल्द ही पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद उपभोक्ताओं को मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली रिचार्ज करानी होगी और जब तक बैलेंस रहेगा, तब तक वे बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
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