PPP: हिसार में Family ID फर्जीवाड़े का खुलासा: CSC संचालक सहित 5 पर FIR, पांच से 10 हजार लेते थे आरोपी

हरियाणा के हिसार में नकली फैमिली आईडी बनाने वाले गिरोह पर मामला दर्ज कर लिया गया है। यहां एक ही मोबाइल नंबर से 2 फैमिली आइडी बना दी। एडीसी नीरज कुमार ने जब डाटा इश्यू पोर्टल और सिंगल मेंबर वैरिफिकेशन का काम देखा तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

 
हिसार में Family ID फर्जीवाड़े का खुलासा: CSC संचालक सहित 5 पर FIR

PPP: हरियाणा के हिसार में नकली फैमिली आईडी बनाने वाले गिरोह पर मामला दर्ज कर लिया गया है। यहां एक ही मोबाइल नंबर से 2 फैमिली आइडी बना दी। एडीसी नीरज कुमार ने जब डाटा इश्यू पोर्टल और सिंगल मेंबर वैरिफिकेशन का काम देखा तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।


एडीसी कार्यालय ने ऐसे करीब 22 लोगों को चिह्नित किया था। पहले चरण में आदमपुर में फैमिली आइडी को अलग कराने वाली आरती, कैलाश गर्ग, सीएससी संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र व प्रवेश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि उक्त लोग 5 से 10 हजार रुपये लेकर फैमिली आईडी को अलग-अलग करते थे। इस मामले में आदमपुर, उकलाना, मिलगेट, हांसी, उकलाना के एक गांव के पीपीपी ऑपरेटर भी पुलिस की रडार पर हैं।

पुलिस को दी शिकायत में एडीसी नीरज ने बताया कि उनका विभाग परिवार पहचान पत्र से संबंधित कार्य करवाता है और परिवार पहचान पत्र का सारा डाटा एफआईडीआर में स्टोर किया जाता है। विभाग के कर्मचारी ने अवगत करवाया कि 24 जनवरी 2024 को डाटा ईशू पोर्टल व सिंगल मेंबर वेरिफिकेशन का कार्य करते समय दो परिवार पहचान पत्र में एक मोबाइल नंबर होने का केस मिला है। इसकी जांच करने पर पता चला कि परिवार पहचान पत्र में आरती सिसोदिया ने बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपना अलग परिवार पहचान पत्र बनवाया है। जब इस मामले के बारे में विभाग को जानकारी प्राप्त हुई तो जांच की गई। जांच के लिए आरती सिसोदिया को हिसार एडीसी कार्यालय में बुलाया गया।


इस दाैरान आरती सिसोदिया ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त कैलाश गर्ग के माध्यम से बाला जी सीएससी सेंटर संचालक सुरेंद्र सुथार से आईडी अलग करवाई थी। सुरेंद्र सुथार ने बताया कि उसने लितानी गांव के सुरेंद्र की मदद से यह कार्य किया है। सुरेंद्र गांव लितानी ने प्रवेश भिवानी के गांव ग्रहणपुरा कलां निवासी के माध्यम से यह कार्य करवाया था। अधिकारी के अनुसार इस गड़बड़ी की एक कड़ी बनी हुई है, जबकि हरियाणा सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र को अलग करवाने के लिए स्वयं के बिजली बिल की आवश्यकता होती थी। यह गतिविधियां समाज को हानि पहुंचा रही है और विभाग के नाम और विश्वसनीयता को क्षति पहुंचा रहे है। इस मामले में गंभीर जांच की जरूरत है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सके।
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आंकड़े पर एक नजर
जिले में परिवार पहचान पत्र : 490241
पीपीपी में कुल दर्ज व्यक्ति : 1886245
जिले में सीएससी : 2519

उकलाना-आदमपुर में पहले भी आ चुके मामले
इससे पहले उकलाना में एक गिरोह पकड़ा गया था, जो परिवार पहचान पत्र में बदलाव कर रहा था। इन 6 लोगों को खिलाफ तात्कालिक उपायुक्त उत्तम सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उन सभी से सीएससी का लाइसेंस वापस ले लिया। इसके बाद आदमपुर में एक मामला सामने आया था। इसमें दो सीएससी संचालकों ने एक व्यक्ति के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी करा दिया।