हरियाणा की महिला किसान मंजु रानी कपास के उन्नत बीज तैयार कर कमा रही लाखों रुपये, दूसरी महिलाओं को दे रही है रोजगार

मंजू रानी किस्म एचएच 1 व सीआइसीआर 2 किस्म के बीज तैयार कर रही है
 
हरियाणा की महिला किसान मंजु रानी कपास के उन्नत बीज तैयार कर कमा रही लाखों रुपये, दूसरी महिलाओं को दे रही है रोजगार

आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। महिलाएं अब उन्नत किस्म के बीज भी तैयार करने लगी है। इन महिलाओं में से हरियाणा के सिरसा जिले में पडऩे वाले गांव शाहपुर बेगू की महिला मंजू रानी। जिसने आज देशभर में पहचान बना ली है। यह पहचान कपास के उन्नत किस्म के बीज तैयार करके बनाई है। 

दूसरी महिलाओं को भी दे रही है रोजगार
बेगू की मंजू रानी लाखों रुपये की कमाई कर रही है। इसी के साथ साथ दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनाई है। मंजू रानी ने बताया कि वह उन्न्त किस्म के बीज तैयार कर रोजगार पा सकती है। कपास की फसल बिजाई करने के बाद जब फूल खिलने लगते हैं।

इसके बाद अलग अलग क्यारी में तैयार नर व मादा पौधों के आपस में मिलान किया जाता है। यह कार्य कपास के फूल खिलने तक करीब 50 दिन तक करना होता है। इसमें दूसरी महिला मजूदरों को भी साथ रखा जाता है। इसके लिए करीब 20 महिलाओं की जरूरत पड़ती है। कपास की फसल होने पर बीज को निकाल लेते हैं। जबकि रूई को बेच देते हैं।

 मंजू रानी किस्म एचएच 1 व सीआइसीआर 2 किस्म के बीज तैयार कर रही है

ऐसे मन में ठानी
दरअसल मंजू के ससुर उन्नत कपास के बीज तैयार करते थे। उन्हें देखकर ही मंजू ने उन्नत किस्म के बीज तैयार करने का फैसला लिया। खेती बाड़ी में हमेशा मंजू सहयोग करती थी। एक दिन मंजू के मन में उन्नत कपास के बीज तैयार करने का जनुनू पैदा हुआ।

इसके बाद चौधरी चरण सिंह कृषि विश्व विद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा व केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्नत किस्म के बीज तैयार करने लगी। मंजू रानी किस्म एचएच 1 व सीआइसीआर 2 किस्म के बीज तैयार कर रही है। इससे उससे धीरे धीर जैसे जैसे सफलता मिली इससे हौसला बढ़ता गया।

 मंजू रानी किस्म एचएच 1 व सीआइसीआर 2 किस्म के बीज तैयार कर रही है
उन्नत बीज की मंजू घर पर पैकिंग
कपास के उन्नत बीज की कीमत दिन प्रति बढ़ रही है। इसी को लेकर मंजु रानी ने पांच एकड़ में कपास की बिजाई करती है। इनमें देसी कपास व नरमा की किस्म तैयार करते हैं। कपास की फसल की जब चुनाई कर लेते हैं। इसके बाद विभिन्न किस्म के तैयार बीज की घर पर ही पैकिंग करते है। इसके लिए दूसरों को भी रोजगार देती है। इससे प्रतिवर्ष एक एकड़ में छह लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। 

 मंजू रानी किस्म एचएच 1 व सीआइसीआर 2 किस्म के बीज तैयार कर रही है

कई बार मंजू रानी को मिला सम्मान 
बता दें कि कपास के उन्नत किस्म के किसान अपने स्तर पर बीज तैयार कर सकते हैं उन्नत किस्म के बीज तैयार करने में मंजु ने जहां अपनी पहचान बनाई है। इसी के साथ मंजू रानी कृषि कार्य करने पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी है।

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेले में मंजू कपास के उन्नत बीज तैयार करने पर भी सम्मानित हुई है। इसी के साथ कई बार जिला स्तर पर सम्मानित हुई है। मंजू रानी की पहचान प्रदेश में ही नहीं देशभर में बन चुकी है।