Haryana Scheme: हरियाणा सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब इस स्कीम के तहत पेड़ों को भी मिलेगी पेंशन

 
 Haryana Scheme: हरियाणा सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब इस स्कीम के तहत पेड़ों को भी मिलेगी पेंशन

Haryana Scheme: किसी की आयु 60 वर्ष हो गई है, उसके बाद उसकी बुढ़ापा पेंशन बन जाती है। बुढ़ापा पेंशन के बारे में सभी जानते हैं। आपको अब ऐसी अनोखी योजना के बारे में बता रहे हैं, जिस सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, जी हां ये योजना अब बुढे पेड़ यानि पुराने पेड़ों के लिए शुरू हुई है। अब पेड़ों को भी पेंशन मिलेगी। 

हरियाणा प्रदेश में प्राणवायु देवता पेंशन योजना के तहत 3,810 वृक्षों को पेंशन देने की विधिवत शुरुआत हो चुकी है। इस स्कीम के तहत इन सभी वृक्षों को प्रतिवर्षर् 2750 रुपये पेंशन दी जाएगी। हरियाणा प्रदेश सरकार द्वारा प्राणवायु देवता पेंशन योजना शुरू की जा चुकी है। गौरतलब है कि  हरियाणा इस तरह की स्कीम लागू करने वाला देश का प्रथम प्रदेश है, इस स्कीम का उद्देश्य 75 साल से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों का संरक्षण है।

आपको बता दें कि यदि किसी के घर के आंगन या खेत में 75 वर्ष या उससे अधिक पुराना पेड़ है, तो वह अपने संबंधित जिले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर पेंशन के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी।

प्रदेश सरकार पर्यावरण-अनुकूल पहलों को लागू करने में सक्रिय रही है, यह मानते हुए कि पेड़  ऑक्सीजन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 75 साल या उससे अधिक आयु के पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।

ये मिलेगी 2750 रुपए पेंशन
आपको बता दें कि इस स्कीम के तहत फायदा लेने के लिये उन भूमि मालिकों द्वारा वन विभाग को आवेदन किये गये थे जिनकी भूमि में 75 वर्ष अथवा अधिक आयु के पेड़ हैं। प्रदेश में जिला स्तरीय संरक्षण समितियों द्वारा इस स्कीम के 3,810 पात्र वृक्षों की पहचान की जा चुकी। 

इन प्राणवायु देवता वृक्षों की वार्षिक पेंशन राशि जो कि 2750 रुपये है, इस राशि को वृक्ष के परिरक्षक के खाते में वृक्ष के रखरखाव और देखभाल के लिए जमा किया जाएगा। इस पेंशन राशि में वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी।

इन प्रजातियों के पेड़ शामिल
आपको बता दें कि चयनित प्राणवायु देवता वृक्षों में लगभग 40 प्रजातियां शामिल हैं, इनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, जाल, गूलर, कृष्ण कदंब, पिलखन आदि प्रमुख हैं। ये सभी वृक्ष भारतीय हैं और इनका अत्यधिक पारिस्थितिकी महत्व है। यह पुराने वृक्ष विभिन्न भूमि पर खड़े हैं, जैसे कि निजी, पंचायती, संस्थागत और सरकारी संपत्ति पर। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।