Haryana Orbital Rail Corridor: हरियाणा में बनेगा नया रेल कॉरिडोर, इन 67 गांव की जमीन होगी अधिग्रहण, यहां देखें गांवों की लिस्ट

कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के साथ-साथ हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा। कॉरिडोर बनने के बाद विकास को नई रफ्तार मिलेगी। 
 
Haryana Orbital Rail Corridor

Haryana Orbital Rail Corridor: कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के साथ-साथ हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा। कॉरिडोर बनने के बाद विकास को नई रफ्तार मिलेगी। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण हरसाना से पलवल तक होगा। इसके लिए सोनीपत समेत सभी जिलों के 67 गांवों की 94 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। कॉरिडोर पर 5617 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पांच साल में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। 

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन (HORC) पलवल से सोनीपत को सोहना, मानेसर और खरखौड़ा के माध्यम से जोड़ता है, यात्री और माल ढुलाई के लिए ब्रॉड गेज डबल रेलवे लाइन है। यह पृथला स्टेशन पर समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) और पलवल, पाटली, सुल्तानपुर, असौधा और हरसाना कलां स्टेशनों पर भारतीय रेलवे को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
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ये होंगे स्टेशन

न्यू पलवल, सिलानी, सोहना, धूलावत, चंदला डूंगरवास, मानेसर, न्यू पाटली, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, मांडौठी, जसौर खेड़ी, खरखौदा, तुर्कपुर।

120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी स्पीड

इसके अतिरिक्त उत्तर से दक्षिण राज्यों की तरफ आने जाने वाली सुपरफास्ट व माल गाड़ियों को भी इस रेलवे लाइन से रफ्तार पकड़वाई जाएगी। भारतीय रेल व हरियाणा सरकार का यह सांझा प्रोजेक्ट है। यहां पर 2024-25 में रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। सोनीपत से पलवल के बीच चलने वाली इस रेल लाइन की स्पीड 120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार की प्लानिंग की गई है।

ये करेंगे प्रोजेक्ट को पूरा: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को एचआरआईडीसी रेल मंत्रालय और राज्य सरकार दोनों मिलकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 130 किलोमीटर है। इस रेल ट्रैक पर दो रेलवे फ्लाईओवर व 153 रेलवे अंडरपास बनाए जाने हैं।

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  • 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी स्पीड
  • सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए प्रोजेक्ट किया डिजाइन
  • सालाना 40 लाख यात्री सफर कर सकेंगे
  • इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुड़गांव को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेंगी।
  • दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी।
  • यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा।
  • इसके तीन साल में 2023-24 तक पूरा होने की उम्मीद

यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पाटली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर) और हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) को जोड़ने का काम करेगा।

किलोमीटर के करीब लंबाई है पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की

  • 5,566 करोड़ रुपये कुल परियोजना लागत भूमि अधिग्रहण और निर्माण के दौरान ब्याज सहित
  • 23 प्रमुख जलमार्ग पुल
  • 195 मामूली जलमार्ग पुल
  • 03 नए फ्लाईओवर सहित 14 स्टेशन होंगे।
  • 02 रोड ओवर ब्रिज और 153 अंडरब्रिज होंगे।
  • 4 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी सोहना के पास पहाड़ी होने की वजह से।
  • 4 बड़ी लाइनों से भी जुड़ेगा ये कॉरिडोर

रेलवे लाइन उत्तर व दक्षिण की बड़ी रेलवे लाइनों से भी कनेक्ट होगा। इसके अलावा हरियाणा के गुड़गांव-बहादुरगढ़-खरखौदा-पलवल भी आपस में कनेक्ट हो जाएंगे। चार बड़ी रेलवे लाइनों में दिल्ली-मथुरा मार्ग पर असावटी गांव में, दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर पाटली गांव में, दिल्ली-रोहतक रेल लाइन पर आसौदा में व दिल्ली-अम्बाला रेलवे लाइन पर सोनीपत के हरसाना में यह रेल आर्बिटल रेलवे लाइन जुड़ेगी।

हरसाना कलां स्टेशन बनेगा जंक्शन

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने के लिए हरसाना कलां रेलवे स्टेशन को जंक्शन का रूप दिया जाएगा। इसके बाद जिले में तुर्कपुर व खरखौदा में रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके बाद जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी व न्यू पलवल में स्टेशन बनाए जाएंगे।

रेलवे लाइन बिछने से गुरुग्राम, मानेसर, सोहना, फर्रुखनगर, खरखौदा व सोनीपत औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा होगा। प्रोजेक्ट को पूरा करने में रेल मंत्रालय, हरियाणा सरकार व प्राइवेट कंपनी का सहयोग लिया जाना है।

इन गांवों की जमीन होगी अधिगृहीत

एचओआरसी के लिए गांव जसौर खेड़ी, खेड़ी जसौर, निलौठी, जाखौदा, डाबौदा खुर्द, मेहंदीपुर, माजरी, गुभाना, मुंडाखेड़ा, इस्माइलपुर, देवरखाना, लगरपुर, दरियापुर, बादली एक, बादली दो, बुपनिया एक व बुपनिया, मांडौठी व आसौदा टोडराण की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है।

20 हजार यात्री रोजाना यहां से सफर कर सकेंगे तो मालगाड़ी के जरिये रोजाना 5 करोड़ टन माल ढोया जा सकेगा। इस रेलवे लाइन से मल्टी लॉजिस्टिक हब को ज्यादा फायदा होगा। रेल लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होना है। इसके लिए जिलास्तर पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

इन 67 गांव की जमीन खरीदी जाएगी 
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