Haryana News: हरियाणा में बीयर के शौकीनों की बल्ले-बल्ले, लेकिन महंगी होगी शराब

 
हरियाणा में बीयर के शौकीनों की बल्ले-बल्ले

Haryana News: हरियाणा में बीयर के शौकीनों के लिए खुशखबरी सामने आई है। नई आबकारी नीति में बीयर के दाम कम होंगे।

वहीं अब देसी और विदेशी शराब महंगी हो जाएगी। हरियाणा सरकार ने शराब पर उत्पाद और खुदरा परमिट शुल्क लगाया है। 

खुदरा परमिट शुल्क से पर्यावरण और गायों की सेवा के लिए 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। 

हालांकि, रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई, यह सस्ती होंगी।

मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। 

नई नीति के तहत 10 हजार 500 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। नई आबकारी नीति 12 जून से लागू होगी। 

पहले के मुकाबले इस बार प्रदेश में शराब के ठेके की संख्या 100 कम रहेगी। 

पिछली बार 2500 ठेके थे, जबकि इस बार इनकी संख्या 2400 तय की गई है। पिछले तीन साल से लगातार हर साल 100 ठेकों की संख्या कम की जा रही है।

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के बाद अब सरकार ने नई नीति में पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आसपास शराब के ठेके नहीं खोलने का फैसला लिया है। 

इसके साथ ही जिन गांवों में गुरुकुल हैं, वहां पर भी शराब के ठेके प्रतिबंधित रहेंगे।

छोटी क्राफ्ट ब्रेवरीज की लाइसेंस फीस कम करने का निर्णय लिया गया और वाइनरी की सुपरवाइजरी फीस में कमी की गई है। 

खुदरा शराब की बिक्री के जोन का आकार घटाकर चार से दो किया गया। इससे एमएसएमई सेक्टर के लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे।

पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में नई नीति में 29 फरवरी 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी (प्लास्टिक की) बोतलों के उपयोग को बंद किया गया है। 

इसके बाद शराब केवल कांच की बोतलों में ही मिलेगी। नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जिला स्तर पर आइएफएल (बीआइओ) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा।

नई आबकारी नीति के मुख्य प्वाइंट्स इस तरह है

1- पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसेंस शुल्क को कम किया गया।

2- थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाई गई।

3- नई नीति में देसी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब के मूल कोटे में बढ़ोतरी की।

4- देसी शराब और आइएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में वृद्धि हुई है।