हरियाणा में सड़कें होंगी चकाचक, 4200 करोड़ खर्च करेगी सरकार, देखें पूरा प्लान

 
हरियाणा में सड़कें होंगी चकाचक, 4200 करोड़ खर्च करेगी सरकार, देखें पूरा प्लान

हरियाणा सरकार ने सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की है। सड़कों के कार्यों को पांच कैटेगरी में विभाजित किया है। पहली प्राथमिकता सड़कों की कार्पेटिंग की रहेगी। नई सड़कों का निर्माण पांचवें चरण में होगा। 

इतना ही नहीं, पूर्व की तरह इस बार भी सरकार विधायकों को उनके हलकों में 25-25 करोड़ की लागत से सड़कों की मरम्मत, विस्तार तथा नई सड़कों के निर्माण की योजना ला सकती है।

अगले एक साल में एमडीआर (मेजर डिस्टि्रक्ट सड़कें), ओडीआर (अदर डिस्टि्रक्ट सड़कें) तथा स्टेट हाईवे से जुड़ी सड़कों पर 4200 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। 

इस पैसे का इंतजाम 23 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए जाने वाले 2024-25 के वार्षिक बजट में किया जाएगा। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने सभी विधायकों को उनके हलकों में 25-25 करोड़ रुपये की लागत के सड़कों के कार्यों की डिमांड की थी।

इस योजना के तहत सभी नब्बे हलकों में सड़कों की मरम्मत, विस्तार व नई सड़कों के निर्माण पर 2500 करोड़ के करीब पैसा खर्च हुआ। सड़कों के लिए बनाई गई कार्ययोजना में तय किया है कि पहले चरण में विधायकों द्वारा सड़कों की कार्पेटिंग की मांग को पूरा किया जाएगा। प्रदेशभर में जितनी भी सड़कें चार साल पुरानी है, उन सभी की कार्पेटिंग की जाएगी। दूसरे चरण में जिलों के अधिकारियों द्वारा कार्पेटिंग के लिए की जाने वाली सिफारिशों पर काम होगा।

तीसरे चरण में विधायकों की उन सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन सड़कों के विस्तार की वे सिफारिश करेंगे। वहीं चौथे चरण में जिला अधिकारियों द्वारा सड़कों के विस्तार के लिए दी जाने वाली सड़कों की लिस्ट पर काम किया जाएगा। नई सड़कों का निर्माण पांचवें चरण में पूरा होगा। प्रदेश के अधिकांश गांवों को शहरों के अलावा आपस में कनेक्ट किया जा सकता है। अब इन सड़कों की मरम्मत और उनकी चौड़ाई बढ़ाने पर सरकार का जोर रहेगा। नई सड़कों का निर्माण बहुत जरूरी होने पर ही किया जाएगा।

बाढ़ग्रस्त सड़कें होंगी ठीक
प्रदेश के पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग ने तय किया है कि जुलाई-2023 में बाढ़ की वजह से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को सबसे पहले बनाया जाएगा। इसके बाद उन सड़कों का नंबर आएगा, जिन्हें बने हुए चार साल पूरे हो चुके हैं। सरकार यह मानकर चलती है कि चार वर्षों के बाद सड़कों की कार्पेटिंग करनी जरूरी है। विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।