Haryana Farmers News: हरियाणा में किसान होंगे मालामाल, इस किस्म से 90 मण प्रति एकड़ मिलेगी उपज

 
Haryana Farmers News: हरियाणा में किसान होंगे मालामाल, इस किस्म से 90 मण प्रति एकड़ मिलेगी उपज

हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के दो दिवसीय कृषि मेले में किसानों के लिए गेंहू का 1207 किस्म सबसे अधिक डिमांड में है। मेले में सबसे अधिक किसान इसी स्टाल पर उमड़ रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि डब्ल्यूएच 1270, 303 तथा 187 किस्म 90 मण प्रति एकड़ तक की उपज देंगी।

कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने कहा कि किसानों को नई-नई तकनीकों व प्रौद्योगिकियों को अपनाते हुए समयानुसार खुद को अपडेट करते रहना होगा। वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र के अंदर महिलाओं की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। 

प्रदेश में महिला किसानों को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं को भी तकनीक का प्रशिक्षण लेना होगा तभी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे। बदलते मौसम के अनुसार अधिक सतर्क होकर खेती करनी होगी।

सरसों की रोग प्रतिरोधी व पाले के प्रति सहनशील किस्म आरएच 725, गेहूं की अधिक उत्पादकता देने वाली किस्म डब्ल्यूएच 1270 का जिक्र किया। हुए खरीफ फसलों में चारे वाली ज्वार की अधिक पैदावार देने वाली सीएसवी 53 एफ व एचजे 1514, बाजरे की जिंक व लौह तत्व से भरपूर बायोफोर्टीफाइड किस्म एचएचबी 299 व एचएचबी 311 एवं मूंग की एमएच 421 किस्म के बारे में भी बताया।

महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ने कहा कि हरियाणा का प्रगतिशील किसान प्रौद्योगिकियों व नवाचारों को अपनाने में सबसे आगे हैं। 

इसलिए किसान खाद्य सुरक्षा, खाद्य भंडारण, जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संरक्षण जैसी अनेक चुनौतियों का हल निकालने में अपनी अहम भूमिका अदा कर सकता है। 

तिलहनी व दलहनी फसलों की मांग के मुकाबले उत्पादन कम है, जिसके कारण आयात करना पड़ता है। खरीफ एवं रबी सीजन के अलावा, रबी सीजन के तुरंत बाद आने वाली गर्मी के मौसम में एक कम अवधि वाली फसल लेकर खेती को लाभदायक बनाने के बारे में भी प्रेरित किया।

एचएयू के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि खेती में ड्रोन तकनीक का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण को संरक्षित रखने ,फसलों में कीटनाशक के प्रयोग की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों को नई तकनीकों को अपनाना ही होगा। 

ड्रोन के द्वारा कम समय में जल विलय उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक का छिडक़ाव समान तरीकें से ,सिफारिश के अनुसार आसानी से किया जा सकता है। जिससे कम लागत होने के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी।

मुख्यातिथि प्रो.बीआर काम्बोज ,विशिष्ट अतिथि महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा , गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया।

मेले में पहले दिन हरियाणा ,दिल्ली, पंजाब, राजस्थान ,उत्तर प्रदेश राज्यों से करीब 40 हजार किसान शामिल हुए। करीब 21.08 लाख रुपये के खरीफ फसलों के बीज, करीब 46600 रुपये के फलदार पौधे व सब्जियों के बीज खरीदें।