Haryana Budget 2024: हरियाणा में ग्रामीण विकास पर फोकस, सफाई कर्मचारियों के पदों में बड़ा इजाफा

 
Haryana Budget 2024: हरियाणा में ग्रामीण विकास पर फोकस, सफाई कर्मचारियों के पदों में बड़ा इजाफा

Haryana Budget 2024: ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 7,276.77 करोड़ रुपये आवंटित

पंचायती राज संस्थाओं को राज्य वित्त आयोग अनुदान को 500 करोड रुपए से बढाकर 2968 करोड़ रुपये किया 

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के पदों  को 11,254 से बढ़ाकर 18,580 किया

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2024- 2025 में ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 7,276.77 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज विधानसभा बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री प्रदेश का पांचवा बजट पेश कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि यह चालू वित्त वर्ष के 6,213.27 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17.11 प्रतिशत की वृद्धि है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के तीसरे टीयर यानी पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली में जवाबदेही के साथ स्वायत्तता के सिद्धांत के समावेश के लिए हमारी सरकार समर्पित है। 

पंचायती राज संस्थाओं को एक परिभाषित फॉर्मूले के आधार पर यानी राज्य के स्वयं के कर राजस्व (एस.ओ.टी.आर.) के 7 प्रतिशत और छठे राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों पर प्रति व्यक्ति के आधार पर और इसी तरह केंद्र-राज्य हस्तांतरण की तर्ज पर धनराशि सीधे हस्तांतरित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले कार्यों का आवंटन स्पष्ट और विशिष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और पंचायती राज संस्थाएं उन्हें सौंपे गए कार्यों की प्रकृति व प्राथमिकता स्वयं निर्धारित कर सकती हैं। 

इस वर्ष पंचायती राज संस्थाओं को राज्य वित्त आयोग अनुदान के रूप में 2446 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यह प्रावधान लगभग 500 करोड रुपए बढाकर 2968 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए जिला परिषदों में 699 पद सृजित करके एक समर्पित इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की गई है। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश की 710 ग्राम पंचायतों और सभी महाग्रामों में स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य अब जिला परिषदों द्वारा किया जाएगा। अब जिला परिषदें न केवले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों के रखरखाव करेंगी बल्कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा निर्मित ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाएंगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों की चौपालों की मरम्मत और रख-रखाव के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों द्वारा इन चैपालों की मरम्मत की मांग ग्राम दर्शन पोर्टल पर अपलोड की जा सकती है या जन संवाद कार्यक्रमों में भी उठाई जा सकेगी। 

सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की है और मानदेय को निर्वाचित प्रतिनिधियों के बैंक खाते में सीधे जमा करवाने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस उद्देश्य से सरकार द्वारा 10,000 और उससे अधिक की आबादी वाले सभी महाग्रामों की ग्राम पंचायतों के लिए हॉपर टिपर डंपरों की खरीद की जा रही है। 

प्रदेश में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के 7326 पदों की बढोतरी की गई है जिससे  इनकी संख्या 11,254 से बढ़कर 18,580 हो जाएगी। 

संग्रहण के बाद ठोस अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए 10,000 और उससे अधिक की आबादी वाले सभी महाग्रामों की ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन शेड का निर्माण किया जा रहा है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की संगठित और संस्थागत प्रणाली से गाँव स्वच्छ होंगे।