Haryana Budget 2024: हरियाणा में किसानों को बड़ी सौगात, 1 अप्रैल, 2024 से नहरी आबियाना बंद करने का निर्णय

 
Haryana Budget 2024: हरियाणा में किसानों को बड़ी सौगात, 1 अप्रैल, 2024 से नहरी आबियाना बंद करने का निर्णय

चण्डीगढ, 23 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सिंचाई एवं जल संसाधन क्षेत्र के लिए 6,247.27 करोड़ रुपये आवंटित करना प्रस्तावित है जो चालू वर्ष के 4,772.54 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में 30.90 प्रतिशत की वृद्धि है।

मुख्यमंत्री आज विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बतौर वित मंत्री प्रदेश का पांचवा बजट पेश कर रहे थे।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय से ही किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर आबियाना लगाया जाता रहा है। सरकार ने नहरी पानी पर निर्भर किसानों को राहत देने के लिए 1 अप्रैल, 2024 से आबियाना बंद करने का निर्णय लिया गया है। इससे 4299 गांवों के किसानों को लगभग 140 करोड़ रुपये का एकमुश्त लाभ होने के साथ-साथ, 54 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत मिलेगी।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर-मानसून अवधि के दौरान पश्चिमी जमुना नहर वाहक प्रणाली को आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए 6000 क्यूसिक की क्षमता का एक नया समानांतर पक्का चैनल निर्माणाधीन है। इसके अलावा, 465 करोड़ रुपये के निवेश से संवर्धन नहर और समानांतर दिल्ली ब्रांच की क्षमता में वृद्धि पर  काम चल रहा है।

        उन्होंने कहा कि यमुना नदी और उसकी सहायक नदियों पर अप-स्ट्रीम भंडारण बांधों को पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वर्ष 2023-24 के दौरान, सरकार ने रेणुका और लखवार व्यासी बांध के लिए राज्य के हिस्से के रूप में 173 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार रावी-ब्यास नदी प्रणाली के पानी में हरियाणा के वैध हिस्से का उपयोग करने के लिए सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। एस.वाई.एल. के निर्माण के लम्बे समय से लंबित मामले के समाधान के लिए पंजाब और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। इस प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए वर्ष 2024-25 के लिए 100 करोड़ रुपये के परिव्यय को जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम और मेवात क्षेत्र की जल समस्या के समाधान के लिए 2 परियोजनाएं की बनाई गई हैं। इनमें गुरुग्राम जलापूर्ति चैनल की रि-मॉडलिंग और मेवात फीडर पाइप लाइन परियोजनाएं शामिल हैं। 

ये जिला नूंह, गुरुग्राम, मानेसर और बहादुरगढ़ शहरों तथा नए विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्रों-आई.एम.टी. मानेसर, सोहना, खरखौदा, बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के आसपास के गांवों की वर्ष 2050 तक की पेयजल की मांग को पूरा करेगी। 

इन परियोजनाओं की मौजूदा क्षमता 175 क्यूसिक से बढ़ाकर 686 क्यूसिक की जाएगी। इन दो परियोजनाओं पर 3028 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है तथा यह कार्य अगस्त, 2024 तक शुरू होने की संभावना है।

वित मंत्री ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 17 फरवरी, 2024 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना नदी के मानसून अवधि के दौरान अतिरिक्त पानी के उपयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 

इस अवधि में पानी का प्रवाह 24,000 क्यूसिक से अधिक हो जाता है। थोड़े समय के लिए उपलब्ध इस अतिरिक्त पानी को संग्रहित किया जाएगा और पानी की कमी वाले जिले-भिवानी, चरखी-दादरी व हिसार में सिंचाई के लिए इस पानी को ले जाने के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। 

इसके अलावा, राजस्थान में पानी ले जाने के लिए भी पाइपलाइन राजस्थान द्वारा बिछाई जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मानसून अवधि के दौरान अतिरिक्त पानी को संग्रहीत किया जाएगा और इसका उपयोग कृषि व पीने के उद्देश्यों के लिए किया जाएगा और इसके साथ-साथ राज्य में बाढ की संभावना भी कम हो जाएगी।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2023-24 के दौरान, जे.एल.एन. फीडर, हांसी ब्रांच, बालसमंद सब-ब्रांच, लोहारू डिस्ट्रीब्यूटरी, नारनौल ब्रांच, कुराल डिस्ट्रीब्यूटरी, दीवाना डिस्ट्रीब्यूटरी, न्यू सिवानी फीडर, शेरपुर डिस्ट्रीब्यूटरी जैसे प्रमुख चैनलों का सफलतापूर्वक सुधार किया गया है।

        उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान अधिक से अधिक जल का संरक्षण करना सरकार की प्राथमिकता है। वर्ष 2023-24 के दौरान, महेंद्रगढ़ में 5 चेक डैम और 26 जल निकायों का निर्माण कर इनमें जल का संरक्षण किया गया है। इस बढ़ी हुई जल भंडारण क्षमता का अधिक सुसंगत और विश्वसनीय जल स्रोत के रूप में स्थानीय कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

        इसके अलावा गत 3 वर्षों में 769 अमृत सरोवर तालाबों सहित 1745 तालाबों का पुनरुद्धार किया गया है और वर्ष 2024-25 के दौरान 2494 तालाबों के सुधार, नवीकरण और जीर्णोद्धार कार्य का प्रस्ताव किया जाता है।