दुबई मे रहने वाले दूल्हे ने हरियाणा के सिरसा मे की शादी, पेश की अनोखी मिशाल, बने हर तरफ चर्चा का विषय

 
दुबई मे रहने वाले दूल्हे ने हरियाणा के सिरसा मे की शादी, पेश की अनोखी मिशाल, बने हर तरफ चर्चा का विषय 

हरियाणा के सिरसा में मंडी आदमपुर की ढाणी मोहब्बतपुर निवासी हंसराज सिरस्वा (प्रजापति) के बेटे विक्रम की शादी सिरसा निवासी राजेश कुमार लुहानिवाल की बेटी सुमन के साथ हुई। यह शादी पूरे हरियाणा प्रदेश में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

इस शादी के बारे में आपको बता दें कि चर्चा इसलिए हो रही है कि शादी में दूल्हा पक्ष ने दहेज प्रथा जैसी कुरीति को तिलांजलि देते हुए केवल एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा करके घर पर ले गए है। बता दें कि दुल्हा विक्रम दुबई में कार्यरत है और बीटेक इंजीनियरिंग करके जॉब कर रहा है। वहीं दुल्हन सुमन बीए पास है। 

आपकों बता दें कि सुमन व विक्रम की दरअसल शाह सतनाम जी मार्ग स्थित गौलछा पैलेस में अमर सिंह लुहानिवाल की पौत्री और राजेश कुमार लुहानिवाल की बेटी का विवाह ढाणी मोहब्बतपुर निवासी हंसराज सिरस्वा के बेटे विक्रम के साथ शादी हुई। इस शादी विवाह समारोह में राजेश कुमार ने बेटी को दहेज देना चाहा तो दूल्हे के पिता हंसराज सिरस्वा ने दहेज लेेने से इंकार कर दिया। 

दुबई मे रहने वाले दूल्हे ने हरियाणा के सिरसा मे की शादी, पेश की अनोखी मिशाल, बने हर तरफ चर्चा का विषय 

उन्होंने कहा कि हमें तो सिर्फ दुल्हन को ही दहेज मानते हुए दहेज लेने से बिल्कुल मना कर दिया। दहेज प्रथा खत्म करने की बात कहते हुए हाथ जोड़कर शादी में नेग के रूप में एक रूपया नारियल, 5 बर्तन व 5 जोड़ी कपड़े लेने की बात रखी। इसके बाद दोनों परिवारों ने मिलकर इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया और समाज को एक नई दिशा दी।

इस शादी के दौरान दूल्हे के पिता हंसराज सिरस्वा ने कहा कि समाज कुरीतियों के कारण गलत दिशा की ओर बढ़ रहा है। हमें इन कुरीतियों को मिटाने की शुरुआत अपने स्वयं से करनी चाहिए और उन्होंने अपने बेटे की शादी में दहेज ना लेकर दहेज प्रथा को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाए है। दूल्हे विक्रम के अनुसार शादी बिना दहेज के ही करनी चाहिए। 

जिसने बेटी दे दी उसने सब कुछ दे दिया। वहीं दुल्हन सुमन भी ससुराल वालों से बहुत खुश नजर आई, उसके खुशी से आंसू झलक आए। उसने बताया कि उसके ससुराल वालों के इस निर्णय के बाद वे काफी खुश है। उसका कहना है कि इस तरह से सभी की सोच होने लगे तो बेटियां किसी पर भी बोझ नहीं होंगी।