वीरों की भूमि गांव लुदेसर के बच्चों ने बोर्ड की परीक्षा में लहराया परचम, रोशन किया गांव का नाम

 
 वीरों की भूमि गांव लुदेसर के बच्चों ने बोर्ड की परीक्षा में लहराया परचम, रोशन किया गांव नाम

Haryana News : सिरसा जिले के गांव लुदेसर में स्थित राजकीय हाई स्कूल में सोमवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा में मेरिट हासिल करने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया। स्कूल के मुख्यअध्यापक व स्टाफ ने पगड़ी पहनाकर व फूल माला डालकर स्वागत किया। इसके बाद गांव की सरपंच सोमवती ने मेरिट हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित किया। 

खुली गाड़ी में गांव की गलियों में स्वागत

 

स्कूल से मेरिट हासिल करने वाले बच्चों को खुली गाड़ी में गांव की गलियों में घुमाया गया। जहां पर ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इसी के साथ शहीद स्मारक मेमोरियल वार पर मार्ल्यापण किया।

मुख्य अध्यापक मूलचंद, कुलदीप सिंह, धर्मपाल, ईश्वर सिंह, रविकुमार व इंदिरा देवी ने बच्चों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर किरतान गोदारा, डा. जगदीश शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि भाल सिंह, अशोक कुमार मौजूद रहे। 

इन छात्रों ने की मेरिट हासिल 

स्कूल के अध्यापक कुलदीप सिंह ने बताया कि स्कूल में दसवीं कक्षा 11 छात्रों ने मेरिट हासिल की। स्कूल भारती पुत्र राजबीर ने 89.40 प्रतिशत अंक लेकर स्कूल में प्रथम स्थान हासिल किया।

इसी के साथ ही मुस्कान पुत्री पवन कुमार ने 89 फीसद अंक, प्रमिला पुत्री सुबे सिंह ने 88.80 फीसद अंक, किरण पुत्री राजेश ने 88.40 फीसद अंक, शिव पुत्र मदनलाल ने 87.80 फीसद अंक, अंजु पुत्री पुष्कर ने 87.20 फीसद, सपना ने 86.40 फीसद, कविता ने 85.40 फीसद, मोहित ने 84 फीसद, कोमल ने 80.80 फीसद अंक हासिल किए।

लुदेसर गांवों का जानिए इतिहास : वीरों की भूमि लुदेसर गांव के हर घर से सैनिक निकाला

सिरसा जिले में पड़ने वाले लुदेसर गांव को वीरों की भूमि कहा जाता है। इस गांव को बहादुरों के गांव से भी जाना जाता है। इस लुदेसर गांव के सैनिक ने प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, भारत पाक व भारत चीन के बीच हुए युद्ध में भी सैनिकों ने भाग लिया हुआ है। प्रथम विश्व युद्ध 1914-19 के समय लुदेसर गांव की आबादी 400 थी। उस समय 42 जवान सेना में भर्ती थे। गांव में करीब हर परिवार से सैनिक था।

1921 ने ब्रिटिश सेना की ओर से महायुद्ध में भाग लिया। ब्रिटिश सरकार ने खुश होकर बहादुरों के सम्मान में वर्ष 1921 में वार मेमोरियल स्थापित करवाया। वहीं दस साल के लिए गांव का आबियाना माफ किया गया। 

दूसरे विश्वयुद्ध में 101 सैनिकों ने भाग लिया

दूसरे विश्वयुद्ध 1939-45 में गांव के 101 सैनिकों ने भाग लिया और विभिन्नों देशों में हुए युद्ध में भाग लिया। गांव के 11 सैनिक देश के लिए शहीद हुए।  तब गांव में एक ओर स्मारक बनाया गया।

ब्रिटिश सरकार ने खुश होकर गांव में कुआं बनाने के लिए 5 हजार रुपये की राशि दी गई। इतना ही नहीं गांव में डाकघर भी बनवाया गया। इसके बाद भारत-चीन युद्ध में 47 सैनिकों ने भाग लिया।

सैनिकों ने विदेशों में भी काटी जेल 

देश की आजादी की जंग में भी सैनिकों ने भाग लिया। जिसके तहत गांव के सैनिकों ने विदेशों में जेल काटी। अकेले लुदेसर गांव में 5 स्वतंत्रता सेनानी हुए है। स्वतंत्रता सेनानियों में बालाराम गाट, मोमन राम, बदरी प्रसाद, तुलसी स्वामी, रामकिशन ने अहम भूमिका निभाई।

छाती पर बम बांधकर पाक टैंक के आगे कूद गया

भारत चीन के बीच वर्ष 1962 युद्ध में 47 जवानों ने भाग लिया। इसके बाद भारत पाक के बीच 36 सैनिकों ने भाग लिया। युद्ध में नायक रिसालदार विजय सिंह छाती पर बम बांधकर पाक टैंक के आगे कूद गया। 

इससे टैंक को नष्ट कर शहीद हो गया। वर्ष 1971 भारत पाक के युद्ध में भी 20 सैनिकों ने भाग लिया। गांव के शहीदों व वीर सैनिकों की याद में एक ओर स्मारक लगाया गया।