हरियाणा-राजस्थान-यूपी के लिए बड़ी सौगात, नए हाईवे से जुड़ेंगे तीनों राज्य, इन शहरों को होगा फायदा

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एक और हाइवे बनाया जाएगा. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले हाईवे का निर्माण करेगा. इसके फर्स्ट फेज में 4 लेन का ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा.
152G नाम से बनने वाले इस हाईवे से अंबाला-जयपुर हाईवे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे, शाहाबाद-साहा हाईवे और अम्बाला हिसार हाईवे सीधे कनेक्ट हो जाएंगे. इसके निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा यूपी, राजस्थान और हरियाणा राज्यों को सीधे तौर पर होगा.
एनएचएआई के अधिकारी के अनुसार, यह हाईवे हाई-स्पीड वाला होगा और इस पर वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जुड़ सकेंगे. इसका काम 2024 तक पूरा कर लेने की उम्मीद है.
एनएचएआई ने इसके लिए एक टीम भी गठित है कि जो विभिन्न सरकारी विभागों से मंजूरियां लेने का काम कर रही हैं. इसमें वन विभाग, बिजली निगम व अन्य सरकारी महकमों से अनुमतियां लेना शामिल है.
कुरुक्षेत्र को बड़ा लाभ
यह हाईवे हरियाणा में कुरुक्षेत्र से होकर निकलेगा. इसका फायदा वहां के पर्यटन क्षेत्र को तो मिलेगा ही, साथ में उद्योगों के लिए भी यह एक सौगात बनकर आएगा. यह कुरुक्षेत्र के 16 गांवों से निकलेगा.
इसमें जैनपुर, झांसा, फतेहगढ़ झरौली, गुमटी, मामू माजरा, कांकड़ा शाहाबाद और शहजादपुर समेत कुछ और गांव शामिल हैं. इन 16 गांवों में हाईवे के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण भी किया जा चुका है और मुआवजा राशि का भी बंटवारा हो चुका है.
हाईवे से जुड़ी अन्य जानकारियां
यह हाईवे 22.85 किलोमीटर का होगा इसलिए इस पर एक ही टोल नाका दिया जाएगा. हालांकि, यह टोल प्लाजा कहां लगेगा इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है.
अधिकारियों ने अभी यह भी नहीं बताया है कि क्या इस हाईवे बेसाइड सुविधाएं मिलेंगी या नहीं. बेसाइड. इसमें पेट्रोल व सीएनजी पंप, रेस्टोरेंट व शौचालय आदि की व्यवस्था शामिल होती है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 927 करोड़ रुपये है. इस बजट को मंजूरी दी जा चुकी है. इस हाईव का काम शुरू करने के लिए 500 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे जिसकी तैयारी वन विभाग ने कर ली है और वह काम शुरू होने से पहले किसी और स्थान पर इतने ही पौधे लगाएगा.