जिला परियोजना अधिकारी फतेहाबाद समेत 8 अधिकारी-कर्मचारियों का निलंबन जारी कर दिया गया। यह निलंबन देर शाम को जारी हुआ है। जिससे अधिकारी व कर्मचारी भी सकते है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी तक पत्र नहीं मिला है।

फतेहाबाद में एक दिन पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने रतिया के कार्यालय का निरीक्षण किया था। यहां पर न तो कर्मचारी मिले और यहां पर कई प्रकार की गड़बड़ियां मिली थी। जिसके बाद उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
शनिवार को जिला परियोजना अधिकारी फतेहाबाद समेत 8 अधिकारी-कर्मचारियों का निलंबन जारी कर दिया गया। यह निलंबन देर शाम को जारी हुआ है। जिससे अधिकारी व कर्मचारी भी सकते है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी तक पत्र नहीं मिला है। राज्यमंत्री ने जिला परियोजना अधिकारी फतेहाबाद सीमा रोहिल्ला, सुपरवाइजर हरदीप कौर, सुपरवाइजर सोनू, सुपरवाइजर मिशु नागपाल, सुपरवाइजर समेष्ठा, सुपरवाइजर सुशीला, सुपरवाइजर सुमनलता, सहायक विजय शामिल है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा को निकाय चुनाव के लिए रतिया नगरपालिका का प्रभारी बनाया हुआ है। ऐसे में शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक के बाद उन्होंने महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्ष किया था। यहां पर फोर्टिफाइड दूध वितरण में लापरवाही मिली। इसके अलावा अनेक कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिले थे। जिसके बाद कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे।
कर्मचारियों की अनुपस्थिति और दूध वितरण में लापरवाही पर राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने जिला परियोजना अधिकारी सीमा रोहिल्ला को तलब किया था और पूरी स्थिति पर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड दूध का समय पर वितरण नहीं होना गलत है। यह दूध गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और बच्चों के पोषण स्तर को बढ़ाने के महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा है। अगर योजना का लाभ नहीं मिलेगा तो दूध बेचने का क्या औचित्व रह जाएगी। यहीं कारण है कि जिला परियोजना अधिकारी सहित 8 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।