शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश में एक जून से लेकर 30 जून तक 10वीं और 12वीं के छात्रों की टेबलेट के जरिये ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। आपको बता दें कि विभाग की तऱफ से दसवीं और 12वीं के छात्रों को टेबलेट मुहैया करवाए जा रहे हैं।

Haryana School Summer Vocations: हरियाणा में सरकार की तरफ से लाखों छात्रों को फ्री में टैबलेट और सिम कार्ड वितरित किये गए हैं, ताकि बच्चों की पढाई किसी तरह से बाधित ना हो। इसके लिए अब शिक्षा विभाग की तऱफ से लगातार तैयारियां की जा रही है।
हरियाणा में अब शिक्षा विभाग की तऱफ से बड़ा फैसला लिया गया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों में छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज लगेगी ताकि बच्चों की पढाई लगातार जारी रह सके।
शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश में एक जून से लेकर 30 जून तक 10वीं और 12वीं के छात्रों की टेबलेट के जरिये ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। आपको बता दें कि विभाग की तऱफ से दसवीं और 12वीं के छात्रों को टेबलेट मुहैया करवाए जा रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने आज दसवीं और बारहवीं कक्षा के सरकारी स्कूली छात्रों के लिए टैबलेट आधारित शिक्षण कार्यक्रम ई-अधिगम शुरू किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को रोहतक में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के छात्रों को टैबलेट वितरित कर अभियान की शुरुआत की. प्रदेश में 119 स्थानों पर ऐसे टैबलेट वितरण समारोह आयोजित किए गए.
अब टैब में होंगी बच्चों की किताबें
छात्रों को टैबलेट वितरण के दौरान सीएम खट्टर ने कहा कि पहले स्कूली बच्चों को बैग में किताबें ले जानी पड़ती थीं, लेकिन अब उनकी किताबें इस टैब में होंगी. ई-अधिगम अभियान नई शिक्षा नीति के अनुसार शुरू किया गया है, जिसमें कोविड महामारी के मद्देनजर प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा के प्रावधान की परिकल्पना की गई है.
इस मामले में बना देश का पहला राज्य
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने सरकारी स्कूलों के पांच लाख छात्रों को टैबलेट बांटे हैं. सीएम ने दावा किया कि राज्य अपने बजट का अधिकतम हिस्सा शिक्षा क्षेत्र पर खर्च करता है. उन्होंने बताया कि अकेले इस बजट में शिक्षा के लिए 20,000 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है.
शिक्षा में सुधार के लिए होगा टास्क फोर्स का गठन
सीएम ने कहा किया कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र के लिए दो टास्क फोर्स का गठन करेगी. एक स्कूल की बुनियादी सुविधाओं, भवन, चारदीवारी, सौंदर्यीकरण, साफ-सफाई, सड़क, पानी और शौचालय समेत अन्य जरूरी जरूरतों पर काम करेगा, जबकि दूसरा टास्क फोर्स स्कूलों में फर्नीचर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा.