तिहाड़ जेल के जेलर की बॉडी से डरते हैं कैदी! 19 का डोला तो 48 इंच की है छाती

 
Tihar jail

दिल्ली की तिहाड़ जेल भारत की सबसे सख्त जेल मानी जाती वहां की सेक्युरिटी भी काफी अच्छी है उसके अंदर नौ अलग-अलग जेल हैं. जेल नंबर 3 के जेलर का नाम दीपक शर्मा है. वह एक प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर हैं और पुलिस ऑफिसर भी और उनकी फिटनेस लाजवाब है.

इन दिनों तिहाड़ जेल के चर्चे हो रहे है, कहा जा रहा है कि सिद्धू मूसे वाला की हत्या की साजिश में तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का हाथ है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में कई हाई प्रोफाइल कैदियों को भी रखा जाता है. तिहाड़ जेल की जेल नंबर 3 की कमान असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस दीपक शर्मा के हाथ में है.   

इससे पहले जेलर दीपक शर्मा दिल्ली की मंडोली जेल के डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट थे. निर्भया कांड के दोषियों को फांसी के समय उनकी नियुक्ति यहां की गई थी. सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा एक प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हैं और वे कई बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन भी जीत चुके हैं.

जेलर की बॉडी देख डर जाते हैं कैदी 

2009 में दीपक शर्मा पुलिस में भर्ती हुए थे, और सलमान खान की दबंग मूवी में बॉडी देख दीपक को शौक चढ़ा और फिर उन्होंने अपनी बॉडी का स्टाइलिश ट्रांसफॉर्म किआ. जेलर दीपक शर्मा की बॉडी देख डर जाते है कैदी.

दीपक शर्मा का सीना 48 इंच का है तो डोला (बाइसेप्स) 19 इंच का है. इसके अलावा वे व्यस्त होने के बाद भी अपनी बॉडी के लिए वर्कआउट करना नहीं भूलते. 

2014 में बने प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर

दीपक शर्मा ने प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर के तौर पर 2014 में पहला कॉम्पिटिशन लड़ा था. इसके बाद वे अभी तक कई टाइटल जीत चुके है. मिस्टर यूपी, आयरन मैन ऑफ दिल्ली (सिल्वर), मिस्टर हरियाणा, मिस्टर दिल्ली, स्टील मैन ऑफ इंडिया (सिल्वर मेडल) जैसे कई टाइटल दीपक शर्मा के नाम हैं. 

दीपक शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कई कैदी उनसे फिटनेस टिप्स भी लेते हैं. जेल में कई एक्टिविटीज भी होती हैं, जिसमें कैदी बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट भी करते है. कई बार कुछ कैदियों को समझाना काफी मुश्किल होता है लेकिन हमें उसके लिए अलग-अलग इंतजाम करने होते हैं.

पुलिस डिपार्टमेंट देता है छूट 

इंटरव्यू के दौरान दीपक ने बताया था कि वे 24 घंटे में कम से कम 3-4 घंटे वर्कआउट करते हैं. प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर होने के नाते डिपार्टमेंट से भी उन्हें कुछ घंटे ड्यूटी से छूट मिलती है. लेकिन ड्यूटी के साथ फिटनेस का भी ध्यान देना होता है ऐसे में काफी मुश्किल होता है इसलिए ड्यूटी टाइम में मैं अपना डाइट फ़ूड लेकर जाता हूं ताकि ड्यूटी और फिटनेस का बैलेंस बना रहे है.