ये भारतीय 5 अनोखे रेलवे स्टेशन, दो राज्यों को करते हैं डिवाइड, कहीं से जाने के लिए तो चाहिए Visa 

 

1. "भवानी मंडी रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है और इसका लिंक दो अलग-अलग राज्यों से भी है। यह रेलवे स्टेशन विशेष रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बांटा हुआ है। दो अलग-अलग राज्यों के बीच बांटे जाने के कारण हर ट्रेन का इंजन भवानी मंडी स्टेशन पर राजस्थान में और कोच मध्य प्रदेश में होता है। यहां एक ओर पर राजस्थान का बोर्ड लगा होता है, जबकि दूसरी ओर पर मध्य प्रदेश का बोर्ड लगा होता है।"

2. नवापुर रेलवे स्टेशन एक अनूठा रेलवे स्टेशन है जो भारत के सबसे अनोखे रेलवे स्टेशनों में से एक है। इस स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में है और दूसरा हिस्सा गुजरात में स्थित है। यह स्टेशन दो अलग-अलग राज्यों में दो हिस्सों में बाँटा गया है, जिसके प्लेटफॉर्म से लेकर बेंच तक पर महाराष्ट्र और गुजरात दोनों के नाम लिखे हुए हैं। इस स्टेशन पर घोषणाएं भी होती हैं, और ये घोषणाएं चार विभिन्न भाषाओं में की जाती हैं - हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, और गुजराती में।

3. "अटारी रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने या स्टेशन पर उतरने के लिए एक वीजा (Visa) की आवश्यकता होती है। यहां पर भारत और पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन पर वीजा के बिना यात्रा करने की अनुमति नहीं होती है और स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षा की निगरानी होती है, इससे बिना वीजा के पकड़े गए व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।"

4. "रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन एक रहस्यमय स्थान से गुजरती है, जिस पर साइनबोर्ड नहीं होता। साल 2011 में, इस स्थान के साथ पहली बार ट्रेन सेवा शुरू हुई थी, और यह स्थान पहले 'बड़कीचांपी' के नाम से जाना जाता था, लेकिन स्थानीय विरोध के कारण इस स्थान का नाम बदल दिया गया और यह अब बेनाम है।"

5. एक और रेलवे स्टेशन है जो पूरी तरह से सक्रिय है, लेकिन उसका कोई नाम नहीं है। पश्चिम बंगाल के बर्धमान से 35 किमी दूर बांकुरा-मासग्राम रेलवे लाइन पर स्थित है और इसका निर्माण साल 2008 में हुआ था। शुरुआत में स्टेशन का नाम 'रैनागढ़' था, लेकिन स्थानीय लोगों ने स्टेशन के नाम को बदलने के लिए रेलवे बोर्ड के खिलाफ आपत्ति दर्ज की। क्या नाम बदला गया या नहीं, इसके बावजूद यह स्टेशन अब भी बेनाम ही रहा है।