हरियाणा के सीएम सिटी करनाल में बनेगा एयरपोर्ट, इस जगह पर जमीन खरीदने की तैयारी

 

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नौ साल तक कागजों में सिमटी एयरपोर्ट बनाने की परियोजना अब धरातल पर उतरेगी। करनाल जिला प्रशासन द्वारा सभी बाधाओं को दूर करते हुए भूमि खरीद का कार्य पूरा कर लिया गया।

अब फरवरी माह में परियोजना के तहत अधिकृत एवं क्रय की गई भूमि की बाउंड्रीवाल कराई जाएगी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक फरवरी के पहले सप्ताह में काम शुरू होने की उम्मीद है। करीब 172 एकड़ जमीन की चहारदीवारी के लिए टेंडर आवंटन की फाइल मुख्यालय चली गयी है. इस कार्य पर 4.23 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।

यह प्रक्रिया इस माह के अंत तक पूरी हो जायेगी. इसके बाद सिविल एविएशन की ओर से एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

प्रोजेक्ट के मुताबिक नौसेना में हवाई पट्टी को तीन हजार से पांच हजार फीट तक बढ़ाया जाना है. इसके बाद यहां से बड़े विमान भी उड़ान भर सकेंगे. करनाल हवाई अड्डे को हिसार हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। 

पट्टी दो हजार फीट बढ़ जाएगी

मौजूदा पट्टी को तीन से पांच हजार फीट तक बढ़ाया जाना है। इसके लिए 172 एकड़ तीन कनाल और 16 मरला जमीन की जरूरत थी।

जिसमें से 106 एकड़ छह कनाल और 14 मरला जमीन सरकार की है, जबकि 38 एकड़ जमीन किसानों ने ई-भूमि पोर्टल पर दी थी। अब शेष 26 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की समस्या का समाधान हो गया है. विस्तार के साथ-साथ यहां छोटे और मध्यम श्रेणी के विमान भी उतर सकेंगे। 

बेसिंग, पार्किंग जोन, नाइट लैंडिंग, लाइट एमआरओ जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। रात के समय भी विमानों की आवाजाही रहेगी।

2008 से चल रही है कवायद
करनाल में घरेलू हवाई अड्डा बनाने का प्रयास 2008 से चल रहा है। अक्टूबर 2012 में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने यहां हवाईअड्डा बनाने की संभावनाएं तलाशीं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 8 नवंबर 2014 को नौसेना हवाई पट्टी के विस्तार की घोषणा की थी। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद करनाल में अपनी पहली सार्वजनिक बैठक के दौरान हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन जमीन खरीद को लेकर कई बाधाओं के कारण परियोजना नौ साल तक अटकी रही।