इस खेती से कमा सकते है करोड़ों रुपये, 50 हजार रुपये किलो मिलता है बीज, जानिए इसके बारे में

 
इस खेती से कमा सकते है करोड़ों रुपये, 50 हजार रुपये किलो मिलता है बीज, जानिए इसके बारे में 

आजकल लोगों का रुझान खेती की तरफ ज्यादा हो रहा है। पढ़े-लिखे नौजवान युवा भी आधुनिक तरीके से खेती करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान चाहता है कि उसे कम लागत में ज्यादा का मुनाफा हो। ज्यादातर किसान पारंपरिक फसलें कम बोने लगे हैं, बल्कि बागवानी फसलों को बोने में ज्यादा रुचि दिखाने लगे हैं।

किसान ज्यादातर औषधीय पौधों की खेती के साथ फलों और सब्जियों की खेती करना पसंद कर रहे हैं। इनसे किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त होता है। अगर आप भी ज्यादा मुनाफा कमाना चाह रहे हैं, तो इस लेख में ऐसी खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बीज पचास हजार रुपय किलो तक बिकते हैं, चलिए जानते हैं।

केसर के बाद ये है सबसे महंगी फसल

देश में केसर के बाद अगर कोई महंगी फसल है, तो वो वनिला की मानी जाती है। माना जाता है कि वनिला की फसल काफी महंगी होती है। इस फसल की खेती मेडागास्कर, पापुआ न्यू गिनी, भारत और युंगाडा में ज्यादा की जाती है।

वनीला आइस्क्रीम का प्रयोग अन्य आइस्क्रीम की तुलना में काफी ज्यादा होता है। भारतीय मसाला बोर्ड  के आंकड़ो में ये बात सामने आई है कि दुनियाभर में जितनी भी आईस्क्रीम बनाई जाती है, उन सब में से सबसे ज्यादा यानि 40 प्रतिशत वनिला का उपयोग किया जाता है।

वनिला का उपयोग कहां होता है

वनिला की खुशबू काफी अच्छी होती है।

केक में भी वनिला का प्रयोग किया जाता है।

परफ्यूम में भी इसका उपयोग होता है।

अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में भी वेनिला का प्रयोग किया जाता है।

वनीला की खेती

इस वजह से वनिला की मांग मार्केट में हर समय रहती है। अगर किसान वनिला की खेती करते हैं, तो उनको जबरदस्त फायदा पहुंचता है, क्योंकि ये महंगी फसल है, जो आपकी अच्छा मुनाफा दे सकती है। माना जा रहा है कि वनिला के बीज पचास हजार रुपये किलो तक बिकते हैं।

वनिला की खेती करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी वातावरण का ध्यान रखना होता है। शेड हाउस बनाकर इसके लिए वातावरण तैयार किया जाता है। माना जाता है कि वनीला की खेती के लिए  25 से 35 सेंटीग्रेट तक का तापमान उचित होता है। माना जाता है कि जो रोशनी पेड़ों से छनकर आती है वो वनीला की फसल के ज्यादा बेहतर होती है। इस पौधे को छायादार जगह में हल्की धूप की आवश्यकता होती है। इसको लगाने के लिए न ही ज्यादा गर्मी का मौसम होना चाहिए और न ही ज्यादा सर्दी।