हिसार यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कपास की ये किस्म देगी बम्पर पैदावार, किसान हो जाएंगे मालामाल

 
हिसार यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कपास की ये किस्म देगी बम्पर पैदावार, किसान हो जाएंगे मालामाल

Narma Ki Nyi Kisam : खरीफ सीजन बिजाई का शुरू हो गया है। किसान इस सीजन में कपास नरमा की बिजाई कुछ ही समय में शुरू कर देंगे। अभी किसानों के मन में एक ही सवाल है कि किस किस्म की बिजाई करें। जिससे बंपर फसल ली जा सके। 

किसानों को जानकारी देते हुए बता दें कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा कपास की नई किस्म विकसित की गई है जो बढ़िया उत्पादन देने के लिए मानी जा रही है। 

कपास की नई किस्म विकसित

किसानों को बिजाई से पहले अपनी जमीन पर विशेष ध्यान दें। बुवाई से पहले किसानों को कई प्रकार की बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे उच्च बीज क्वालिटी, खाद एवं अच्छी भूमि की जुताई एवं नमी की मात्रा को ध्यान में रखकर ही बिजाई करें। 

क्योंकि यह आगे जाकर अच्छा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, यदि उच्च बीज क्वालिटी  न हो तब उत्पादन पर काफी असर देखने को मिलता है, इससे उत्पादन काफी गिर जाता है ऐसे में बुवाई से पहले किसान उच्च क्वालिटी का बीज ही बोए इसी कड़ी में हाल ही में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा कपास का नया बीज एएएच 1 विकसित किया है।

आपको बता दें कि इस देशी कपास की नई किस्म को विकसित करने का श्रेय हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार को जाता है। कपास की इस किस्म की विशेष बात यह है कि कम वक्त में पकने के साथ साथ अच्छी पैदावार देने के लिए जानी जाती है। ये किस्म 185 दिन में तैयार हो जाती है, वही इसके रेशे का साइज अन्य किस्म की बजाय अच्छा है। इस नई देशी कपास की बुवाई करके अच्छा उत्पादन ले सकते है।

होगा बढ़िया उत्पादन
 कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा कपास देसी की इस किस्म का नाम एएएच 1 है, यदि एएएच 1 किस्म की बुवाई करते हैं तो आसानी से अच्छे उत्पादन ले सकते है। कपास की इस किस्म का रेशा काफ़ी लम्बा एवम् चमकदार है। इस किस्म का रेशा 36.50 सेंटीमीटर के करीब होता है। 

यदि किसानों को बीटी तीन किस्म बाजार में उपलब्ध नहीं होती है तो किसान साथी इस किस्म की बुवाई कर सकते हैं, यानी इस किस्म को विकल्प के तौर पर लिया जा सकता है हालांकि बुवाई से पहले कृषि वैज्ञानिक विशेषज्ञ से जरूर राय ले।

आपको बता दें कि बिजाई से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखें जैसे खेत की मिट्टी एवं जलवायु, जुताई और पौधे से पौधे की दूरी व अन्य बातों का ध्यान जरूर रखें वही बिजाई से पहले बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर या एकड़ के हिसाब से संपूर्ण जानकारी लेकर ही करें यदि किसान इन बातों का ध्यान रखते हैं तब इस किस्म से तकरीबन 10 से 15 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है।