हरियाणा में किसानों की हुई मौज, सबसे कम ब्याज दर पर मिलेगा फसली लोन
हरियाणा के बेहतर वित्तीय प्रबंधन की वजह से ब्याज दर में कटौती हुई है। बैंकों की ओर से सरकार को 8.05 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ लोन की पेशकश की गई थी।
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के साथ हुई बातचीत में 8 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक राजी हो गए, लेकिन रस्तोगी इस पर भी नहीं माने। बातचीत और मोल-भाव के जरिये वे 7.95 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से लोन निर्धारित करवाने में कामयाब रहे।
मंडियों में फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है। सरकार ने तय किया है कि किसानों को उनकी फसलों का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाएगा।
धान की खरीद के लिए भी लोन ले चुकी सरकार
एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) द्वारा फसलों की एवज में राज्य सरकार को पैसा लौटाते ही इसे सरकार द्वारा वापस बैंक को लौटा दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने धान की खरीद के लिए भी लोन लिया था।
धान की मिलिंग के बाद चावल एफसीआई को भेजे जा रहे हैं और एफसीआई द्वारा इसकी एवज में सरकार को भुगतान भी शुरू किया जा चुका है। सरकार ने एफसीआई से मिलने वाले पैसे को बैंक लोन को चुकाने में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है।