जानकर उड़ जाएंगे होश
साल 2018 में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नूंह देश के आर्थिक रूप से सबसे पिछड़े जिलों में से एक है
सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट जारी करते हुए कहा कि नूंह में घोर बेरोजगारी है.
यहां के लोगों की कमाई का जरिया सिर्फ खेती और भेड़ बकरियां और दूध है।
जिले के लोगों की कमाई का प्रमुख सोर्स कृषि है, इससे जुड़े हुए काम हैं. कुछ ही इलाके ऐसे हैं जहां पर नहर से सिंचाई होती है. जबकि पूरा जिले में कृषि वर्षा पर आधारित है.
एजुकेशन के मोर्चे पर भी पिछड़ा होने की वजह से गुरुग्राम के नजदीक होने के बाद भी यहां पर गरीबी अपने पांव पसारे हुए है.
नूंह भारत के उन 33 जिलों में से एक है जहां मुसलमानों की आबादी आधी से अधिक है. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, मुसलमानों की आबादी 79.2 फीसदी है, और हिंदू 20.4 फीसदी हैं.