डॉक्टरी छोड़कर IAS बनने का किया सपना पूरा
कर्णप्रयाग की रहने वाली मुद्रा की कहानी तमाम विजेताओं से काफी अलग है कयूंकी मुद्रा ने एमडीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं।
मुद्रा ने इससे पहले भी UPSC 2021 परीक्षा में 165 वीं रैंक हासिल करके मुद्रा ने आईपीएस कैडर हासिल किया था।
उन्होंने तैयारी जारी रखी और साल 2022 की परीक्षा में 53वीं रैंक लाकर पापा का सपना पूरा कर दिया।
मुद्रा UPSC की 2018 परीक्षा में इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया। फिर साल 2019 के अटेम्प्ट में मुद्रा ने फिर से इंटरव्यू दिया। इस बार भी सफल नहीं हो सकीं। मुद्रा 2020 की UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम में मेंस की स्टेज तक पहुंची।
फाइनली साल 2021 की परीक्षा में मुद्रा ने 165 वीं रैंक हासिल की। वो IPS बनी। इस बार उनकी रैंक काफी अच्छी आई। संभवत: इस बार उन्हें मनपसंद सर्विस और कैडर दोनों मिल जाएं।
मुद्रा के पिता अरुण भी सिविल सेवा में जाना चाहते थे। अरुण ने साल 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी। उस वक्त वो इंटरव्यू में बाहर हो गए थे। अरुण ने 1974 में फिर से परीक्षा दी। लेकिन बीमारी के कारण वो इंटरव्यू नहीं दे पाए। अरुण कहते हैं कि उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा किया है।